लखनऊ। भागदौड़ की जिंदगी में आज तनाव आम बात हो गयी है। जब यह तनाव या डिप्रेशन बहुत अधिक बढ़ जाता है तो इंसान बहुत निराश हो जाता है। कई बार आत्महत्या का विचार भी मन में आने लगता है। इसकी वजह से क्रोध आना, चिड़चिड़ापन, नींद न आना, भूख न लगना और एकाग्रता भंग होने जैसी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। धीरे-धीरे यह समस्याएं बीमारी का रूप धारण कर लेती हैं।
यह कहा डॉक्टर ने
केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य डा. अनुरूद्ध वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी दवाईयां तनाव एवं दबाव से उत्पन्न होने वाली शारीरिक परेशानियों में कारगर हैं। तनाव के रोगी को शराब के सेवन और धूम्रपान से बचना चाहिए। जब किसी व्यक्ति के व्यवहार में कोई परिवर्तन आता है तो उसे मूड या मनोदशा कहते हैं और जब इन मनोभावों या मनोदशा में किसी प्रकार का विकार आ जाता हैं तो उसे डिप्रेशन कहते हैं। इस प्रकार से कह सकते हैं कि डिप्रेशन इंसान के मनोभावों या मनोदशा का एक प्रकार का विकार होता है।
यह करना चाहिए
डा. अनुरूद्ध वर्मा ने कहा कि तनाव को दूर भगाया जा सकता है। तनाव ग्रस्त व्यक्ति को जल्दी ठीक होने के लिए योग,व्यायाम तथा प्राणायाम के साथ उचित पौष्टिक आहार लेना चाहिए। उचित पोषण से तन मन को आराम मिलता है। तनाव के शिकार व्यक्ति को शराब और धूम्रपान से बचना चाहिए। आराम के लिए ध्यान फायदेमंद साबित हो सकता है।