लखनऊ। यूपी में दिसम्बर के बाद एक छत के नीचे मरीजों को इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। आपको बता दें कि प्रदेश में पहली बार आयुष विधा से इलाज के लिए अस्पताल खोले जा रहे हैं। अब रोगियों को दर-दर भटकने की जरूरत नहीं हाोगी। प्रदेश के 16 जिलों में आयुष के एकीकृत 50 बेड के अस्पताल बनेंगे। इन अस्पतालों के निर्माण का काम दिसम्बर 2018 तक पूरा हो जाएगा। इन अस्पतालों की खास बात यह होगी कि इनमें आयुष की पांचों विधा का इलाज किया जायेगा।
गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा
आयुष सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि आयुष से इलाज के प्रति लोगों में जागरुकता आ रही है। आयुष विधा की तमाम विशेषताएं हैं और तुलनात्मक तौर पर इस विधा से इलाज भी सस्ता होता है। इन अस्पतालों को बनाने का उद्देश्य यही है कि लोगों को आसानी से आयुष चिकित्सा उपलब्ध हो सके। इनमें गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
यह सब सुविधा
इन अस्पतालों में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथिक विधाओं से रोगियों को एक ही छत के नीचे इलाज की सुविधा मिलेगी। इन अस्पतालों में केवल ओपीडी ही नहीं बल्कि मरीजों को भर्ती की सुविधा भी मिलेगी। एक अस्पताल को बनाने के लिए 7.25 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इसमें हिजामा थैरेपी, पंचकर्म व सिरोधारा समित तमाम सुविधायें मरीजों को मिलेंगी। यही नहीं अस्पताल में सर्जरी, अल्ट्रासाउंड, ईएनटी, गठिया, मेडिसिन, बाल रोग, स्त्री रोग विभाग, पैथालाजी और इमरजेंसी की भी सुविधा होगी।
इन जिलों में खुलेंगे अस्पताल
ये अस्पताल लखनऊ, सहारनपुर, अमेठी, सोनभद्र, सुल्तानपुर, संतकबीरनगर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, बस्ती, कुशीनगर, बरेली, वाराणसी ललितपुर, जालौन, कौशाम्बी एवं देवरिया में खुलेंगे।
तैनात होंगे विशेषज्ञ
हर आयुष अस्पताल में एक चिकित्साधीक्षक, एसएमओ (पंचकर्म, होम्योपैथी/क्षारसूत्र/होम्योपैथी/इलाज-विद-तदवीर/थोकन्नम का विशेषज्ञ) के तीन, चिकित्साधिकारी-3, रेजीडेन्ट चिकित्साधिकारी-1, नर्सिंग स्टाफ-12, पंचकर्म टेक्निशयन-2, योग प्रशिक्षक-1 फार्मासिस्ट-3, प्रयोगशाला टेक्निशियन-2, एनएस थेटिक-1, रेडियोलाजिस्ट-1, रोग वैज्ञानी-1, नेत्र विशेषज्ञ-1, सामान्य शल्य चिकित्सक-1 स्त्री रोग विशेषज्ञ-1