लखनऊ। मुंह के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 90 फीसदी फेफड़े का कैंसर धूम्रपान कह वजह से होता है। हर साल केजीएमयू, लोहिया संस्थान समेत अन्य अस्पतालों में 10 फीसदी मामले बढ़ रहे हैं। इससे मुंह आहार नाल, प्रोस्टेट, फेफड़े समेत दूसरे अंगों में कैंसर की भी संभावना होती है।
बच सकते हैं इस घातक बीमारी से
मडिय़ांव स्थित राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पेंसी की डॉक्टर तृप्ति आर सिंह ने कहा कि तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट को छोड़कर कैंसर जैसी घातक बीमारी से बच सकते हैं। यदि आप भी धूम्रपान के लती हैं तो इसे छोडऩा आसान है। मजबूत इरादों के साथ तम्बाकू आदि से तौबा की जा सकती है। इसके अलावा भी आयुर्वेद में तमाम औषधियां हैं, जिनका डॉक्टर की सलाह पर सेवन कर धूम्रपान जैसी बुरी लतों से छुटकारा पाया जा सकता है।
कैंसर का दर्द बेहद पीड़ादायक
केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह बताते हैं कि कैंसर का दर्द बेहद पीड़ादायक होता है। इस दर्द से बचने के लिए तम्बाकू और धूम्रपान से तौबा करना ही होगा। उन्होंने कहा कि कैंसर से घबराने की जरूरत नहीं है। समय पर इलाज कराने से यह ठीक हो सकता है। लेकिन ऐसी नौबत ना आए इसलिए इसे छोड़ दिया जाए।
मुंह व जीभ का कैंसर होने पर पूरा चेहरा विकृति
चक गंजरिया स्थित कैंसर संस्थान में रेडियो थेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद सिंह ने बताया कि मुंह व जीभ का कैंसर होने पर पूरा चेहरा विकृति दिखाई देता है। जीभ के कैंसर में तो मरीज के आवाज में भी फर्क पड़ जाता है। मरीज ठीक से खाना भी नहीं खा पाता है।