लखनऊ। हाइपरटेंशन से जुड़ी किडनी की बीमारियों के प्रति जागरुकता बढ़ाने की दिशा में विश्व हाइपरटेंशन दिवस के मौके पर इससे बचने के लिए शहर में विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लोगों को उच्च रक्तचाप और संबंधित बीमारियों के प्रति जागरूक किया गया।
अन्य अंगों को भी नुकसान
फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. संजीव गुलाटी ने कहा कि यहां तेजी से हाइपरटेंशन की गिरफ्त में लोग आ रहे हैं। हर महीने हाइपरटेंशन के कारण पचास नये मरीज किडनी बीमारी लेकर पहुंच रहे हैं। यह दिल के अलावा अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है।
गुर्दों की बीमारी में बढ़ोतरी
विश्व हाइपरटेंशन दिवस के मौके पर संदीप गुरु ने कहा कि हमें हाइपरटेंशन के कारण गुर्दों की बीमारी में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। उन्होंने लोगों को जागरूक होने के लिए कहा।
रक्त धमनियों को पहुंचाता है नुकसान
डब्ल्यूएचओ और जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन के मुताबिक 40 फीसदी शहरी आबादी और 17 फीसदी ग्रामीण आबादी उच्च रक्तचाप से पीडि़त है। बीमारी से पीडि़त लोगों में 23.5 फीसदी पुरुष और 22.60 फीसदी महिलाएं हैं। दुनिया भर में उच्च रक्तचाप से करीब 13 फीसदी मौत होती है। हाइपरटेंशन से आर्टरियों, हृदय, किडनी फेल, डिमेंशिया या हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है। हाइपरटेंशन से किडनी में रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचाता है। रक्त धमनियों का खिंचाव किडनी सहित शरीर के अन्य जगह खून की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में किडनी शरीर के खराब तत्वों को शरीर से बाहर निकालने का काम बंद कर सकती है और यह घातक हो सकता है।