लखनऊ। राजधानी में बड़ी संख्या में पैथोलॉजी सेंटर खोले जा रहे हैं। ऐसे सेंटरों में पैथोलॉजिस्ट नहीं होते हैं और लैब टेक्नीशियन और असिस्टेंट के भरोसे ही चल रहा है। ऐसे पैथोलॉजी सेंटरों पर आईएमए ने सख्त कदम उठाया है। इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन ने बिना पैथोलॉजिस्ट चल रहे सेंटरों को बंद कराने की मांग की है। आईएमए ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा महानिदेशक, जिलाधिकारी और सीएमओ को पत्र लिखकर मांग की है।
जान से खिलवाड़
बिना पैथोलॉजिस्ट सेंटर में लैब टेक्नीशियन और असिस्टेंट से चलाना मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. पीके गुप्ता ने जानकारी देते बताया कि पैथोलॉजिस्ट जांच रिपोर्ट तैयार करना सुप्रीम कार्ट के नियमों का उल्लंघन है। उपचार की प्रक्रिया के दौरान एक फिजीशियन के साथ पैथोलॉजी की अहम भूमिका होती है तभी मरीज का सही उपचार होता है। जब डॉक्टर द्वारा बताया जाता है कि आपको यह जांच कराना है तो लिया गया सैंपल कितनी देर तक सुरक्षित है या कितनी देर तक लगाना चाहिए इस बात की जानकारी सिर्फ एक पैथोलॉजिस्ट को ही होती है।
यहां से लें जानकारी
डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि डॉक्टर द्वारा जांच बताए जाने के बाद जिस पैथोलॉजी सेंटर में आप जा रहे हैं वहां पता कर लें कि वहां पैथोलॉजिस्ट है या नहीं। आप अपनी रिपोर्ट पर यह जरूर ध्यान दें कि उसपर साइन किसकी है। इसके अलावा राजधानी के अंदर रजिस्टर्ड पैथोलॉजी की जानकारी आप एलएपीपीएमडॉटकॉम पर भी ले सकते हैं। इससे आपको भटकना नहीं पड़ेगा।