प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने की मांग


भ्रामक सूचना के आधार पर अपमानित करने का कार्य किया
अध्यक्ष डॉ. अशोक यादव और महामंत्री डॉ. अमित सिंह ने कहा कि दुर्घटना में मृत व्यक्ति को हरदोई सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र लाये जाने के बाद मेडिकोलीगल प्रावधानों के अनुसार ड्यूटी पर मौजूद डॉ. अमित मिश्रा ने शव को अपनी अभिरक्षा में लिया था। मौत का सही कारण जानने के लिए नियमानुसार पुलिस को सूचित किया था। ऐसे प्रकरण में शव को परिवार को नहीं सौपा जाता है। शासन ने बिना सही तथ्यों का पता लगाए भ्रामक सूचना के आधार पर डॉ. मिश्रा को को निलंबित सजह अपमानित करने का कार्य किया है। इस मामले में संघ ने डॉ मिश्रा को ससम्मान बहाल करने की मांग की है। डॉ. अशोक यादव और डॉ. अमित सिंह ने कहा की डॉ. अमित मिश्रा को निलंबित करने के मामले में सीएम से पीएमएस संघ मिलेगा। उनसे समय रहते ऐसे प्रकरणों को रोकने की मांग की जाएगी। जिससे चिकित्सक भयमुक्त होकर जनता की सेवा कर सके।
जांच कराने के बाद की गई कार्रवाई
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिहानी, जनपद हरदोई में 13 मई, 2018 को एक्सीडेन्ट के उपरान्त मृतक बच्चे के शव को शव वाहन उपलब्ध न कराये जाने की घटना को गम्भीरता से लेते हुये चिकित्सा अधिकारी, डाॅ. अमित मिश्रा को तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित कर दिया था। प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशान्त त्रिवेदी ने बताया कि प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये मुख्य चिकित्सा अधिकारी, हरदोई द्वारा तत्समय ही उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प्रतिरक्षण), हरदोई से जांच करायी गयी। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प्रतिरक्षण) से प्राप्त जांच आख्या में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पिहानी जनपद हरदोई में तैनात चिकित्सा अधिकारी, डाॅ. अमित मिश्रा को दोषी पाया गया है।