डेस्क। केरल में पांच लाख लोग एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (एएस) बीमारी से जूझ रहे हैं। विधानसभा में यह भी बताया गया कि इन मरीजों की पहचान और उपचार के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण भी किया जाना चाहिए। एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण फिलहाल ज्ञात नहीं हैं। इसको गठिया के एक प्रकार के रूप में पहचाना गया है, जिसमें रीढ़ के जोड़ों में लंबे समय तक सूजन रहती है।
सदन में इस मुद्दे को माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक मुरली पेरुनल्ली ने उठाया। उन्होंने बताया कि कैसे एक 29 साल का असामान्य फिल्म निर्माता सिजो कन्नानैक्कल इस बीमारी से जूझ रहा है।
पेरुनल्ली ने कहा कि हालांकि दर्दनाशक इंजेक्शन उपलब्ध हैं, लेकिन वे बहुत महंगे हैं और कई लोगों की पहुंच से बाहर हैं। इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों को साल में चार इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है जिसकी कीमत एक लाख रुपये है। यह उपचार सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को बताया कि यह बीमारी 15 से 45 वर्ष उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है और इसका इलाज अधिकतर सर्जरी, फिजियोथेरेपी और दवाओं के माध्यम उपलब्ध है।