नई दिल्ली| सरकार द्वारा चुने गए 115 जिलों में स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास, कृषि और जल संसाधन और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में काम किया जाएगा। सरकार ने इन जिलों का चयन आकांक्षी जिले के तौर पर किया है। पीरामल फाउंडेशन ने नीति आयोग के साथ मिलकर देश के पिछड़े जिलों में शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा की दशा सुधारने की दिशा में काम करने का फैसला लिया है। इस सिलसिले में मंगलवार को नीति आयोग और पीरामल फाउंडेशन ने एक आशय पत्र (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, “देश के अति पिछड़े जिलों में सुचारु ढंग सरकारी योजनाओं को अमल में लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार काम करने के लिए हम सब प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए जिला, राज्य और केंद्र स्तर पर एक एकीकृत टीम के गठन का लक्ष्य रखा गया है, ताकि योजना में शामिल किए गए जिलों में हर दृष्टि से विकास का स्तर ऊंचा किया जा सके। सार्वजनिक-निजी भागीदारी, देश में जबरदस्त परिवर्तन ला सकती है और विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन को गति दे सकती है।”