नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चिकित्सकों की गलती से हो रही मौतों को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े बताए हैं। गौरतलब है कि चिकित्सकों की गलतियों की वजह से हर साल 13.8 करोड़ से अधिक मरीजों को नुकसान पहुंचता है। डब्ल्यूएचओ ने यह चेतावनी ‘वल्र्ड पेशेन्ट सेफ्टी डे’ मनाने के कुछ दिन पहले दी है। इस दिवस को मनाने का मकसद इस त्रासदी के प्रति जागरुकता बढ़ाना है।
बताए तीन मुख्य कारण
डब्ल्यूएचओ की रोगी-सुरक्षा समन्वयक डॉ. नीलम ढींगरा-कुमार ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बीमारी की सही पहचान नहीं हो पाना, दवा के नुस्खे व इलाज में त्रुटियां और दवाओं का अनुचित सेवन तीन मुख्य कारण हैं कि इतने सारे रोगियों को खामियाजा भुगताना पड़ा है।
अस्पताल छिपाते हैं कि उन्होंने क्या गलत किया
विशेषज्ञ ने कहा, ये गलतियां इसलिए होती हैं क्योंकि स्वास्थ्य प्रणालियां इन त्रुटियों से सही प्रकार से निपटने और उनसे सीखने के लिए उपयुक्त रूप से तैयार नहीं हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि कई अस्पताल यह छिपाते हैं कि उन्होंने क्या गलत किया है, जो अकसर उन्हें भविष्य में फिर ऐसा न हो इसके लिए उन्हें कदम उठाने से रोकता है।
10 में से एक मरीज चिकित्सा संबंधी गलतियों का शिकार
डब्ल्यूएचओ द्वारा शुक्रवार को उपलब्ध कराए गए आंकड़े केवल मध्यम और निम्न आर्थिक स्थिति वाले देशों (जहां वैश्विक जनसंख्या का 80 प्रतिशत है) को दर्शाते हैं, जबकि अगर विकसित देशों को ध्यान में रखकर देखा जाए तो वास्तविक संख्या और ज्यादा हो सकती है क्योंकि विकसित देशों में भी, प्रत्येक 10 में से एक मरीज चिकित्सा संबंधी गलतियों का शिकार है।
ये गलतियां
इन गलतियों के उदाहरण के तौर पर, उन तरीकों से इलाज किया जाना जिनके लिए वे डिजाइन नहीं किए गए, ब्लड ट्रांसफ्यूशन या एक्स-रे करने में गलती, गलत अंग काटकर निकाल देना या बीमारी वाले हिस्से में सर्जरी न करके मस्तिष्क के गलत हिस्से में सर्जरी कर देने जैसी बड़ी गलतियां सामने आती रहती हैं।
17 सिंतबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस
नीलम ने ऐसे कारकों का हवाला दिया जो इस तरह की गलतियों का कारण बनते हैं जैसे कि कुछ अस्पतालों में स्पष्ट हाइरार्की की कमी या कर्मचारियों के बीच पर्याप्त कम्युनिकेशन का अभाव होता है। जिनेवा आधारित संगठन के अनुसार, दुनिया भर में केवल दवा के गलत नुस्खे के चलते ही हेल्थकेयर सिस्टम को करीब 42 अरब डॉलर (37 अरब यूरो) का नुकसान हुआ है। इन समस्याओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए इस वर्ष से डब्ल्यूएचओ हर साल 17 सिंतबर को ‘वल्र्ड पेशेन्ट सेफ्टी डेÓ (विश्व रोगी सुरक्षा दिवस) मनाएगा।