लखनऊ। ग्रामीण इलाकों में मानसिक रोगियों की पहचान करने के लिए पहली बार क्लीनिक साइकोलॉजिस्ट (काउंसलर) की भर्ती की जाएगी। यह भर्ती नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत होगी। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसा करके एक अहम कदम उठाया है।
ये है वजह
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में मानसिक रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके बावजूद मानसिक रोगी इलाज नहीं करा रहा है। इसके अलावा समय पर इलाज न मिलने से मरीजों की समस्या गंभीर हो जाती है। ऐसे मरीजों का बेहतर और समय पर इलाज हो सके इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में काउंसलरों की भर्ती की जाएगी।
ये कर सकते हैं आवेदन
एमए साइकोलॉजी, एमए क्लीनिकल साइकोलॉजी से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी 19 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। अगले माह तक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य में राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुनील पाण्डे ने बताया कि प्रत्येक जिले के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को चुना गया है। इनमें काउंसलर रखें जाएंगे।
दिया जाएगा प्रशिक्षण
काउंसलर को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजों की पहचान कर सकेंगे। मरीजों को इलाज के लिए प्रेरित किया जाएगा। डॉ. सुनील पाण्डे ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष तक 300 काउंसलरों की भर्ती होगी।