नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक अध्ययन से एक नई बात सामने आई है। एम्स की बात मानी जाए तो रोजाना योग करने से स्पर्म की क्वालिटी बेहतर हो जाती है।
इन विभागों ने मिलकर किया अध्ययन
यह अध्ययन एम्स के शरीर रचना विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों ने यूरोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग के साथ मिलकर इस साल के शुरुआत में किया था। इस अध्ययन को अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल नेचर रिव्यू जर्नल में किया गया है।
यह बात भी जरूरी
एम्स के एनाटॉमी विभाग के मॉलेक्यूलर फर्टिलिटी और जेनेटिक विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर ने कहा कि डीएनए को किसी प्रकार नुकसान पहुंचने से स्पर्म की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए स्पर्म में जेनेटिक कंपोनेंट की क्वालिटी सबसे अहम होती है।
जीवनशैली में बदलाव
आप अपने जीवनशैली में थोड़ा बहुत बदलाव करके डीएनए की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं। डॉक्टर ने कहा कि नियमित तौर पर योग करने से ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी आती है और डीएनए क्षति को ठीक करने में मदद मिलती है।