आज हम आपको इस लेख में किडनी में पथरी के बारे में जानकारी देने वाले हैं। पथरी अधिकतर किडनी के फिल्टर मेकेनिज्म में खराबी आने से होती है। इससे यूरिन में कुछ रसायन अधिक हो जाते हैं, जो जमा होकर पथरी का रूप लेते हैं।
पथरी क्यों होती है?
इसका कोई निश्चित कारण नहीं है। पथरी अधिकतर किडनी के फिल्टर मेकेनिज्म में खराबी आने से होती है। इससे यूरिन में कुछ रसायन अधिक हो जाते हैं, जो जमा होकर पथरी का रूप लेते हैं। किडनी के अलावा ये मूत्रमार्ग के किसी भी भाग जैसे किडनी, मूत्रवाहिनियां, मूत्राशय पर भी बुरा असर डालते हैं।
यह समस्या किसे होने का खतरा ज्यादा होता है?
अधिक वजनी या जो हाइपर कैल्सीमिया या डायबिटीज के रोगी हैं या जिन्हें इसकी फैमिली हिस्ट्री हो उनमें पथरी बनने की आशंका अधिक रहती है। हाई ब्लड प्रेशर, हाइपरथायरॉडिज्म या किडनी में किसी प्रकार की रुकावट मुख्य वजह है।
पथरी के लिए कौनसे नए उपचार उपलब्ध हैं?
छोटे आकार की पथरी को दवाओं से निकालते हैं। इनकी संख्या ज्यादा होती है तो चीरा लगाकर या फिर आजकल दूरबीन के जरिये इन्हें तोड़कर यूरिन के जरिए निकालते हैं। लेजर तकनीक भी उपयोगी है। समय पर इलाज न लेने से मूत्रमार्ग में ब्लॉकेज के अलावा असहनीय दर्द व संक्रमण हो सकता है।
सर्जरी के बाद भी पथरी क्यों बन जाती है?
लगभग सभी मामलों में इलाज पथरी का होता है, उस कारण का नहीं जो पथरी को बना रहे हैं। खासतौर पर भोजन में ऐसी चीजें कम लें जिनमें ऑक्सीलेट तत्त्व की मात्रा अधिक हो। जैसे चुकंदर, पालक, शकरकंदी, सूखे मेवे, चाय, काली मिर्च और सोयाबीन उत्पाद आदि।