लखनऊ। रायबरेली रोड स्थित एसजीपीजीआई के सिक्योरिटी ऑफीसर भरत सिंह पर गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप एसजीपीजीआई की आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ की अध्यक्ष अपराजित तिवारी ने लगाया है। पीडि़त अपराजिता के मुताबिक भरत सिंह बिना बताए उसके कमरे में दाखिल होते हैं और गंदे इशारे भी करते हैं। उनका व्यवहार भी अच्छा नहीं है। इस बात से खफा आउटसोर्सिंग कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए। उनका कहना है कि जब तक भरत सिंह माफी नहीं मांगेंगे तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
सेवा प्रभावित
सुबह के 11 बजे सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारी न्यू ओपीडी में इकट्ठा होते हैं। यहीं से कर्मचारियों ने काम बंद करना शुरू कर दिया था। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में आउटसोर्सिंग कर्मचारी मौजूद हो गए। लैब, कैश काउंटर, ब्लड कलेक्शन सेंटर, एचआरएफ, स्टैट लैब, टेक्नीशियन, डाटा इंट्री ऑपरेटरों ने काम बंद कर दिया। उधर मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि परमानेंट कर्मचारियों ने मरीजों को राहत देने का काम किया।
न्यू ओपीडी में लगे नारे
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने काम बंद करने के साथ ही साथ भरत सिंह के खिलाफ नोर लगाने शुरू कर दिए और न्यू ओपीडी के मेन रिसेप्शन के सामने सभी कर्मचारी बैठ गए। सभी कर्मचारियों का कहना था कि महिला के साथ अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं संघ की अध्यक्ष अपराजिता ने कहा कि मेरे द्वारा अधिकारी के खिलाफ आवाज उठाई गई तो मुझे सस्पेंशन लेटर थमा दिया गया, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी। जब तक सस्पेंशन लेटर वापस नहीं होता और भरत सिंह का कृत्य बंद नहीं होता तब तक आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का हड़ताल जारी रहेगा। यही उन्होंने कहा कि भरत सिंह को अपने किए कृत्य के लिए माफी मांगीनी होगी।
किसी की नहीं सुनी
पीडि़त अपराजिता ने कहा कि भरत सिंह पीजीआई में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के नोडल ऑफिसर और सुरक्षा इंचार्ज हैं। उनके द्वारा कई तरीके से न जाने किस मनोवृत्ति के वजह से परेशान कर रहे हैं। ये प्रतिदिन मुझे किसी न किसी बात पर कोई न कोई मुद्दा लेकर कैंपस, मेरे एमआरआई रूम व अन्य जगह मुझे टॉर्चर करने के लिए और मानसिक प्रताडऩा देते हैं। यहां तक कि लंच टाइम दोपहर 1 से 2 बजे किसी अधिकारी व कैंपस में किसी काम के लिए आती-जाती हूं तो ये अपने रूतबे की धाक दिखाते हुए मुझसे अभद्रता करते हैं और पब्लिक प्लेस पर रुकवाकर मुझसे कहते हैं कि तुम अपना कार्यक्षेत्र को छोड़कर यहां कैसे आ गयी मैं तुम्हें डिस्मिस कर दूंगा, तुम यहां-वहां ऐसे नहीं घूम सकती तुमको मेरे अनुसार चलना व काम करना होगा।
यह भी लगाया आरोप
पीजीआई के समस्त संविदा कर्मचारियों ने ठाना है कि जब तक सस्पेंशन की नोटिस वापस नहीं ली जाती तब तक सभी कर्मचारी स्ट्राइक पर रहेंगे। इसके अलावा अटेंडेंट की 2 महीने से सैलरी नहीं दी, डाटा एंट्री की सैलरी का इंक्रीमेंट नहीं किया, रिक्शा चालकों से 3-3 हजार की वसूली हर महीने इसके अलावा कई ऐसे अपराध करते हैं जिससे समस्त संविदा कर्मचारी पीडि़त है। संविदा कर्मचारियों की संख्या पीजीआई में करीब 5000 है यदि इनकी यह बात नहीं सुनी तो समस्थ संविदा कर्मचारी पीजीआई के समस्त कार्यों को बंद कर देगा।