लखनऊ। प्रदेश में पुरुष नसबंदी के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए अब टीम लीडर तैनात किए जाएंगे। ये नियुक्तियां हौसला साझेदारी योजना के अंतर्गत की जाएंगी। योजना के तहत पहले उन जिलों की सूची तैयार की गईं है जिसमें टीएफआर यानि टोटल फर्टिलिटी रेट तीन से अधिक है।
ये हैं 20 जिले
माना गया कि अधिक टीएफआर वाले जिलों में नसबंदी यानि खासतौर पर पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहन करने की आवश्यकता है। इन जिलों में आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, अमरोहा, बरेली, फैजाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नोएडा/गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर और वाराणसी शामिल हैं।
सिफ्सा, पीएसआई उठाएंगे खर्च
टीम लीडर के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसका खर्चा सिफ्सा (स्टेट इनोवेशन इन फैमिली प्लानिंग सर्विसेज प्रोजेक्ट एजेंसी) और पीएसआई (पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया) मिलकर उठाएंगे। सिफ्सा के नोडल अफसर राजेश बानगिया ने बताया कि पहले चरण में यह योजना एक वर्ष के लिए शुरू की जा रही है। अच्छे परिणाम आने पर भविष्य में यह योजना अन्य जिलों में लागू की जाएगी।
50 केस प्रति माह का लक्ष्य
उन्होंने बताया कि वर्तमान के 20 जनपदों के शहरी इलाकों में ये टीम लीडर्स जिले की पांच से दस आशाओं के साथ मिलकर अपना काम करेंगे। इस मुहिम में उन आशाओं को प्रमुख रूप शामिल किया जा रहा है जिन्होंने पुरुष नसबंदी को विशेष तौर पर प्रोत्सहित किया है। ये टीम शहर की फैक्ट्री, चौराहों, रिक्शा स्टैंड और लेबर अड्डों पर पुरुष नसबंदी के प्रति जन जागरुकता फैलाएगी।
इनका फोकस खास तौर शहर के मजदूर वर्ग पर होगा। इस योजना में पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहित करने के लिए जनपदवार 50 केस प्रति माह का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। यानी प्रदेश के कुल 20 जनपदों में 12 हजार प्रति वर्ष नये केस होने की उम्मीद है।