डेस्क। आज के दौर में थॉयराइड की समस्या लोगों में तेजी से बढ़ रही है। थायरायड ग्रंथि गले में सांस की नली के ऊपर और वोकल कॉर्ड के दोनों ओर दो भागों में बनी होती है। थॉयराइड ग्रंथि अगर सही से अपना काम नहीं करती है तो कई समस्याएं हो जाती हैं क्योंकि ये ऐसे जीन्स का निर्माण करती हैं जिसके कारण कोशिकाएं अपना काम ठीक से कर पाती हैं।
यह है कारण
भोजन में आयोडीन की कमी से या बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से थॉयराइड हो जाता है। ज्यादा तनाव का असर हमारी थॉयराइड ग्रंथियों पर पड़ता है इसलिए तनाव भी थॉयराइड की समस्या का एक कारण है। महिलाओं में पीरियड्स शुरू होने के बाद कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। कई बार इसी हार्मोनल चेंज की वजह से थॉयराइड की समस्या हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई बड़े परिवर्तन होते हैं और कई महिलाएं ऐसी स्थिति में ज्यादा तनाव में रहती हैं जिस वजह से कई बार थॉयराइड हो जाता है। कई बार दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव से भी थॉयराइड की समस्या हो जाती है।
लक्षण
कब्ज होना, अक्सर हाथ-पैर ठंडे हो जाना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, बाल और भौंहों का झडऩे लगना, स्किन ड्राई होना, काम में जल्दी थक जाना, जुकाम होना फिर ठीक न होना, वंशानुगत कारणों से
थॉयराइड में अखरोट और बादाम का सेवन बहुत फायदेमंद है। अखरोट और बादाम में सेलेनियम पाया जाता है। एक ग्राम अखरोट में 5 माइक्रो ग्राम सेलेनियम होता है। सेलेनियम थॉयराइड की समस्या को खत्म करने में सक्षम है क्योंकि ये थॉयराइड ग्रंथि की एक्टिविटी पर कंट्रोल करता है।