डेस्क। अस्थमा एक गंभीर बीमारी है। इसमें सांस लेने में समस्या होती है। इसका पूरी तरह इलाज कराना संभव नहीं है। लेकिन इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं। यह बीमारी सिर्फ युवाओं और व्यस्कों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी चपेट में ले लेता है। अस्थमा होने के कई कारण हैं।
ऐसे बचें
इसकी एयर फ्रेश्नर की खुशबू बनाने में कई केमिकल्स यूज करते हैं। जिनसे एलर्जी और अस्थमा की समस्या हो सकती है। इसलिए एयर फ्रेशनर का कम से कम प्रयोग करें।
बंद कमरे में मोमबत्ती जलाने से एलर्जी और अस्थमा की समस्या हो सकती है क्योंकि धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड होता है।
गेंहू पिसाते समय मास्क का प्रयोग करें। आटे का पाउडर उड़कर सांसों के जरिए बॉडी में जाता है तो इससे एलर्जी, इरिटेशन और सांस की समस्या हो सकती है।
गाडिय़ों से निकलने वाले धुआं वायु प्रदूषण फैलाता है जिसके कारण जब हम सांस लेते हैं तो इसके कण हमारे अंदर प्रवेश कर जाते हैं। इससे बचने के लिए हमेशा एंटी पोल्यूशन मास्क का उपयोग करें।
आपका पालतू (डॉग या कैट) भी सांस की समस्या का कारण बन सकते हैं। इनके गीले होने पर आने वाली गंध और इनकी डस्ट सांसे लेने में परेशानी बढ़ाते हैं। पालतू को छूने के बाद हाथ जरूर धोएं। इन्हें गंदगी में न रहने दें और जब ये गीले हों तो इनसे दूर रहें।