लखनऊ। अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर शनिवार को केजीएमयू, पीजीआई और डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया है। संविदा कर्मचारियों का कहना है कि शासन ने हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया।
सभी अधिकारी नियमावली बनाए जाने का आश्वासन देते हैं। सभी संविदा कर्मचारियों की एक बैठक प्रेस क्लब में आयोजित हुई थी। बैठक में प्रदेश के समस्त मेडिकल कॉलेज जिला चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी, में कार्यरत सभी संवर्ग के कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा हुई।
3 माह में गवर्निंग बॉडी की बैठक नहीं हुई
प्रदेश सहायक मंत्री विकास तिवारी ने कहा कि लोहिया, पीजीआई व केजीएमयू के लगभग 11 हजार कर्मचारियों की सरकार कर रही है। ये उच्च संस्थान पूरे प्रदेश की रेफरल सुविधाएं प्रदान करते हैं। ट्रामा के मरीजों का इलाज करते है। लोहिया संस्थान के निदेशक और पीजीआई के निदेशक ने 3 माह में गवर्निंग बॉडी की बैठक नहीं की। इससे वेतन बढ़ोत्तरी का मामला फंसा हुआ है।
केजीएमयू परिषद की बैठक में पास लेकिन नहीं बढ़ा वेतन
केजीएमयू संघ के महामंत्री अनुज मिश्रा ने कहा कि केजीएमयू परिषद की बैठक में पास हाने के बाद भी शासन इन कर्मचारियों की बेतन बढ़ोत्तरी नहीं कर रहा। संघ ने कई बार अनशन भी किया है। संस्थान अपने हाथ खड़े कर दिया है। उपाध्यक्ष सुखविन्दर सिंह ने कहा कि प्रदेश के सीएचसी, पीएचसी के हजारों कर्मचारियों का कई माह का वेतन बकाया है जिसको शासन कभी ध्यान नहीं देता इसके लिए प्रदेश के सभी संवर्ग, स्टाफ नर्स, चतुर्थ श्रेणी को एक जुट होकर लडऩा होगा।
प्रस्ताव गवर्निंग बॉडी में पास नहीं करवाया और उत्पीडऩ चरम पर : महामंत्री
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चितानन्द मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि लोहिया संस्थान तथा पीजीआई के निदेशक ने वेतन बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव गवर्निंग बॉडी में पास नहीं करवाया और उत्पीडऩ चरम पर है। दूसरी ओर प्रदेश में लगभग 10 हजार कर्मचारी अवनि परिधि व 10 हजार कर्मचारी टी एण्ड एम मुम्बई द्वारा रखे गये हैं जिसमें अवनि परिधि के कर्मचारियों का 4 माह का करोड़ो रुपए वेतन बकाया है और कर्मचारियों का कई करोड़ रुपए पीएफ का पता नहीं है। वहीं दूसरी ओर टी एण्ड एम का ट्रेण्डर मार्च में खत्म होने से 10 हजार युवा कर्मचारी बेरोजगार होंगे। मगर सरकार को इन युवाओं का बिल्कुल ध्यान नहीं है।
हक की लड़ाई लड़ेंगे कर्मचारी
आयोग की नियुक्ती पर कई जनपदों में सैकड़ों कर्मचारी निकाले जा रहे हैं जिसके लिए सभी कर्मचारी एकजुट होकर संघ के साथ लड़ाई लड़े। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ सभी चिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी मेडिकल कॉलेज के सभी कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ेगा। केजीएमसी में ही 7000 कर्मचारियों का सौ करोड़ रुपये का ईपीएफ घोटाला हुआ। इसका मुकदमा उच्च न्यायालय में चल रहा है मगर शासन ने अभी तक इन सेवा प्रदाता फर्मों को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया।
वार्ता के बाद भी आउटसोर्सिंग नीति नहीं लागू की
प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने कहा कि एक दिवसीय धरना प्रदर्शन ईको गार्डन में किया गया था। अक्टूबर में वार्ता के बाद भी प्रमुख सचिव कार्मिक ने अभी तक आउटसोर्सिंग नीति नहीं लागू की और न ही वेतन बढ़ोत्तरी की। दूसरी ओर मुख्यमंत्री के गठित वेतन समिति की रिपोर्ट विशेष सचिव जयन्त नार्लिरकर ने केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई में लागू नहीं करवायी गयी। शासन के अधिकारी ठेकेदारों की भाषा का प्रयोग करते हैं और मंत्री हर मामले को मुख्यमंत्री के ऊपर टाल देते हैं। ऐसी व्यवस्था से प्रदेश के तीन लाख कर्मचारी परेशान है और लगातार उनके लिए व अधिकारों का हनन हो रहा है जो अब बर्दाश्त नहीं है।
परिवार के साथ मिलकर सरकार को सिखाएंगे सबक
वर्ष 2019 के चुनाव में संघ द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में 3 लाख युवा कर्मचारी अपने परिवार के साथ मिलकर सरकार को सबक सिखाएंगे क्योंकि सरकार का ही कहना है कि इन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का हम से कोई मतलब नहीं है तो अब पता चलेगा कि युवाओं के शोषण से क्या फर्क पड़ता है। प्रदेश में एक तरफ युवा कुम्भ, युवा संसद का कार्यक्रम हो रहा है वहीं दूसरी ओर युवाओं से ठेके की नौकरी में धन उगाही, ईपीएफ घोटाला वेतन में कटौती की जा रही है।
15 फरवरी को ज्ञापन, 21 को कार्य बहिष्कार
बैठक में यह फैसला लिया गया कि संघ 15 फरवरी को सभी जनपदों में जिलाधिकारी को ज्ञापन देगा और हर जनपद में जन जागरुकता अभियान चलाएगा। 21 फरवरी को प्रदेश के तमाम संगठनों के साथ कार्य बहिष्कार होगा लेकिन सरकार हमारे पांच सूत्रीय मांग पत्र पर कार्रवाई करेगी तभी आंदोलन खत्म होगा किसी स्थायी संगठन की वार्ता से हमारा कोई मतलब नहीं होगा। अगर 25 फरवरी तक हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो संघ द्वारा पूरे प्रदेश में चुनाव में सरकार के बहिष्कार का एलान कर दिया जायेगा।
ये थे मौजूद
बैठक में केजीएमयू लोहिया संस्थान, पीजीआई के तमाम कर्मचारी उपस्थित हुए तथा रणजीत सिंह यादव, लवकेश तिवारी, बृजेश अवस्थी अदिल किदवाई, अजय सिंह, ज्योति तिवारी, संजय सिंह, अपराजिता तिवारी, गौरव यादव, सोनू शुक्ला, धीरज यादव, वद्ररीश श्रीवास्तव व प्रकाश बाल्मिकी ने सम्बोधित किया।