लखनऊ। टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए 10 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। सघन टीबी खोज अभियान के तहत पांच लाख 30 हजार लोगों की स्क्रीनिंग होगी। इसमें शहरी क्षेत्र के तीन लाख 30 हजार और ग्रामीण में दो लाख लोग शामिल हैं।
दिया प्रशिक्षण
सक्रिय खोज अभियान के अंतर्गत 53 सुपरवाजर तथा 265 टीमें घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेंगी। इसके लिए टीम में शामिल 795 सदस्यों को राज्य स्तर से प्रशिक्षित 6 सदस्यीय दल डॉ. बीके सिंह, दिलशाद, रामजी वर्मा, फाहीम अहमद, अभय चन्द्र मित्रा एवं लोकेश कुमार द्वारा द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
होगी जांच
सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि लंबी खासी धीमा बुखार, बलगम की जांच से टीबी पर वार स्लोगन के तहत अभियान चलेगा। अभियान 10 से 23 अक्तूबर तक चलाकर स्वास्थ्य कर्मचारी घर-घर जाकर टीबी मरीजों की खोज करेंगे। किसी के भी टीबी के लक्षण मिलने पर बलगम समेत अन्य जरूरी जांच कराई जाएगी। यह अभियान टीबी यूनिटों के जरिए चलेगा। कर्मचारी रोजाना इसकी रिपोर्टिंग आला अफसर को करेंगे।
18,551 टीबी मरीजों को किया चिन्हित
इसकी सूचना भारत सरकार के वेब पेज नि:क्षय वर्जन-2 पोर्टल पर अपडेट की जाएगी, जिसके लिए राजधानी में 124 आरएनटीसीपी कर्मचारियों को नि:क्षय वर्जन-2 का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण देने वालों में डीटीओ डॉ. बीके सिंह, दिलशाद हुसैन, रामजी वर्मा, फहीम अहमद, अभय चंद्र मित्रा और लोकेश कुमार ने दिया। इतनी टीम लगेगी डीटीओ डॉ. बीके सिंह ने बताया कि अभियान में 53 एसीएफ सुपरवाइजर, 265 टीम लोगों के घर जाएंगी। राजधानी में अब तक वर्ष 2019 में 18,551 टीबी मरीजों को चिन्हित किया। लखनऊ ने 54 फीसदी तथा सरकारी क्षेत्र में 111 फीसदी उपलब्धि अब तक प्राप्त कर चुका है। मरीजों को नि:क्षय पोषण योजना का भुगतान किया जा रहा है।
542 बच्चों को लिया गोद
डॉ. सिंह ने बताया कि सूबे की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के नेतृत्व व प्रेरणा से 18 वर्ष से कम आयु के क्षय रोग से ग्रसित 542 बच्चों को व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी, गैर सरकारी संगठन, आरएनटीसीपी कर्मचारी व अधिकारी, जिला प्रशासन तथा राज्यपाल कार्यालय के उच्च अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है।