लखनऊ। आपके शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन का होना एडिमा कहा जाता है। अक्सर लोग इसे बीमारी मानते हैं जबकि ऐसा होना बीमारी का संकेत है। सबसे खास बात यह है कि एडिमा में होने वाले सूजन में दर्द नहीं होता है। दूसरी बात यह है कि अंगुली से दबाने पर सूजन वाली जगह पर अंगुली के निशान बन जाते हैं जो कुछ देर बाद खुद ही खत्म हो जाते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो नियमित व्यायाम और खानपान में सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है।
भिन्न-भिन्न अंगों में सूजन के अलग-अलग नाम
टखनों और पैरों में सूजन को पेरिफेरल एडिमा कहते हैं जबकि फेफड़ों की सूजन को पल्मोनरी एडिमा के नाम से जानते हैं। आंखों के पास होने वाली सूजन को पेरिऑरबिटल एडिमा और मसूड़ों, पेट, चेहरे, स्तन, लसिका ग्रंथि व जोड़ों में सूजन को मैसिव एडिमा कहते हैं। ज्यादा देर तक खड़े रहने या बैठने से होने वाली सूजन को ऑर्थोस्टेटिक एडिमा कहा जाता है।
क्या हैं इसके लक्षण
अलग-अलग हिस्सों में होने वाली सूजन के अलग-अलग लक्षण होते हैं जैसे चेहरे के एडिमा में नाक, गाल और आंखों के पास सूजन आ जाती है। पेरिफेरल एडिमा यानी पैरों में सूजन की परेशानी अधिक देर खड़े रहने या गलत व्यायाम करने से होती है। एंजियोएडिमा में त्वचा की निचली परत में सूजन आ जाती है। इससे मरीज का चेहरा और पैर खासतौर पर प्रभावित होते हैं।
मुख्य कारण
ब्लड सप्लाई में रुकावट रोग की मुख्य वजह है। नसों में रुकावट से उस हिस्से के ऊतकों में पानी भरने लगता है जिस कारण सूजन आती है। हार्ट और किडनी से जुड़े रोग और समस्याएं, हार्मोन्स का असंतुलन, स्टेरॉयड या अन्य दवाओं के साइड इफैक्ट्स, असंतुलित लाइफस्टाइल, ज्यादा फास्ट फूड खाना, कुपोषण और शरीर में खून व प्रोटीन की कमी इसके मुख्य कारण हैं।
डॉक्टर को कब दिखाएं
शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन होने के साथ सीने में दर्द, सांस की तकलीफ और बुखार आता है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के शरीर के किसी हिस्से में सूजन बढ़ रही हो या हार्ट, किडनी या लीवर की समस्या के साथ सूजन है तो भी डॉक्टर से संपर्क करें।
उपाय
– जीवनशैली व खानपान संयमित रखें।
– हरी सब्जियां व फल पर्याप्त मात्रा में खाएं। सोयाबीन और दालें खाना लाभकारी है।
– शराब और कैफीनयुक्तचीजों से परहेज करें।इससे पीडि़त व्यक्ति के खानपान में सोडा अधिक रहता है। सोडे से भी शरीर में सूजन होती है। ऐसे में सोडे को खानपान में शामिल न करें। हर्बल-टी और अजवायन की चाय फायदेमंद है।
– इस बीमारी में अधिक नमक जहर की तरह काम करता है इसलिए नमक वाली चीजों से बचेंं। नमक कम मात्रा में ही खाएं।
– मोटे हैं तो वजन कम करें और रोजाना एक्सरसाइज की आदत डालें। घूमना, टहलना, तैराकी या नृत्य कोई भी व्यायाम करें।
– पोटैशियम के लिए अखरोट, बादाम, मूंगफली खाएं। इसकी जरूरत महिलाओं में अधिक होती है।
– विटामिन बी-5, कैल्शियम और विटामिन-डी से सूजन कम होती है। इसलिए नियमित रूप से कुछ देर धूप में बैठें और टोंड दूध-दही को डाइट में शामिल करें। अंजीर भी खा सकते हैं।
– लौकी का जूस, नींबू पानी, तरबूज, खरबूजा और ककड़ी को आहार में शामिल करें।
एलोपैथी इलाज
इस बीमारी के कई कारण होते हैं। इनमें किडनी और हार्ट डिजीज मुख्य हैं। इसके इलाज में इन बीमारियों के इलाज के साथ ही यूरिन बढ़ाने की दवा दी जाती है ताकि शरीर में सूजन बढ़ाने वाला पानी यूरिन के साथ बाहर निकले।
आयुर्वेद इलाज
एडिमा का मुख्य कारण शरीर में हानिकारक तत्त्वों का अधिक होना है। आयुर्वेद में इसका इलाज शरीर शोधन करके किया जाता है। इसमें गरम पट्टी, मिट्टी पट्टी, वमन और एनिमा शामिल हैं। साथ ही मरीज को सोडा और अधिक नमकीन डाइट से दूर रहने की सलाह देते हैं।