डेस्क। स्मार्टफोन की लत पडऩे की संभावना भावानात्मक रूप से कमजोर, चिंता व अवसाद से पीडि़त लोगों में ज्यादा होती है। एक शोध में पाया गया है कि भावनात्मक रूप से कम स्थिर होना स्मार्टफोन व्यवहार से जुड़ा हुआ है। वह फोन का इस्तेमाल चिकित्सा पद्धति के रूप में करते हैं।
निष्कर्षों से पता चलता है कि चिंता का स्तर बढऩे से स्मार्टफोन का इस्तेमाल भी बढ़ता है। ऐसी समस्या से जूझ रहे लोगों में स्मार्टफोन का इस्तेमाल पहले के विचार की तुलना में ज्यादा जटिल है और शोध में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक कारकों के परस्पर प्रभाव को उजागर किया गया है।