वर्ष 1988 में जिस नजूल भूमि का पट्टा हुआ था निरस्त उसे ट्रस्ट बता रहा अपनी जमीन
सीतापुर। सीतापुर आंख अस्पताल ट्रस्ट ने पुराने डीएम बंगला के पास खाली पड़ी जमीन को अपना बता हाईकोर्ट में प्रशासन पर मुकदमा ठोंक दिया है। यह जमीन किसी अब्दुल हसन के नाम पर थी जिसका पटटा 1988 में समाप्त हो गया था और तत्कालीन डीएम सारिका मोहन ने उसे राज्य सरकार के अधीन ले लिया था। मगर उस जमीन पर आंख अस्पताल ट्रस्ट ने अपना मालिकाना हक जमाते हुए हाईकोर्ट की शरण ली है।
ऐसा हुआ है
बताते चलें कि पुराने डीएम बंगला के करीब में नजूल संख्या 1481 खाली पड़ा है। जिसका क्षेत्रफल लगभग 28 बीघा के करीब है। इस भूमि पर प्रशासन द्वारा 14 वां वित्त आयोग से पार्क का निर्माण कराए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इस भूमि का पटटा अब्दुल हसन नाम से था जिसके पटटे की अवधि वर्ष 1988 में समाप्त हो गई थी। इसकी छानबीन जब तत्कालीन डीएम डा. सारिका मोहन ने कराई तो पता चला कि इस जमीन की न तो रिनीवल ही कराया गया है और न ही आगे की कोई कार्रवाई।
प्रशासन भी कानूनी लड़ाई के लिए कार्रवाई की तैयारी में जुट गया
जिस पर उन्होंने कानूनी प्रक्रिया के तहत इसे राज्य सरकार के अधीन करते हुए 31 जनवरी 2018 में प्रशासन के कब्जे में ले लिया। उधर बीते दिनों 12 मार्च 2019 को सीतापुर आंख अस्पताल ट्रस्ट द्वारा हाईकोर्ट में यह कहते हुए याचिका दायर कर मुकदमा किया गया कि उक्त जमीन की रजिस्ट्री पूर्व में ही अस्पताल द्वारा कराई जा चुकी है। वहीं प्रशासन भी कानूनी लड़ाई के लिए अपनी कार्रवाई की तैयारी करने में जुट गया है और सभी कागजात एकत्रित किए जाने लगे है। अब यह जमीन किसे मिलेगी यह तो कोर्ट ही तय करेगा।