लखनऊ। एक बार फिर प्राइवेट अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है। राजधानी के आलमबाग स्थित अजंता अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीज को गलत इंजेक्शन दे दिया। इंजेक्शन लगाने के बाद दो मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया और अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा। सूचना पर पहुंचे सीओ सहित कई थानों की फोर्स ने परिजनों को आश्वस्त कराते हुए किसी तरह उन्हें शांत कराया।
यह लगाया आरोप
मौत के बाद परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज को हाईडोज इंजेक्शन लिखा था। इस इंजेक्शन की कीमत करीब 1400 रुपये थी। लेकिन जो इंजेक्शन मरीज को लगाया गया वह खराब क्वालिटी का था जिसकी कीमत मात्र 56 रुपये थी। अजंता हॉस्पिटल में हरवंश कुमार पाण्डेय ने अपनी माता को कुछ दिन पहले भर्ती कराया था। जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए आईसीयू में भर्ती करने को कहा। जब मरीज को आईसीयू में भर्ती किया गया तो अस्पताल प्रशासन ने उन्हें उनसे एक बार भी मिलने नहीं दिया और उनकी मौत हो गई।
ऐसे पता चला
पूरे इलाज के नाम पर अस्पताल प्रशासन ने लगभग पांच से छह लाख की मोटी रकम भी वसूली। हालांकि परिजनों ने मौत को साधारण समझकर अंतिम संस्कार कर दिया उसके बाद हरवंश के पिता की तबीयत बिगड़ गई तो हरवंश ने फिर अजंता अस्पताल में ही अपने पिता को भर्ती कराया। डॉक्टरों ने एक बार फिर हालत गंभीर बताकर आईसीयू में भर्ती करने को कहा और दवाओं की लम्बी-चौड़ी लिस्ट हरवंश को थमा दी।
हरवंश की डॉक्टर भांजी
इस बार हरवंश की डॉक्टर भांजी भी उनके साथ थी। जब उसने डॉक्टरों की लिखी दवा देखी तो चौक गई। लिखे हुए पर्चे में इंजेक्शन हाईडोज था लेकिन जो इंजेक्शन लगाया जा रहा था वह घटिया क्वालिटी का था। इससे मरीज की हालत बिगड़ गई। इसके अलावा एक और मरीज की मौत हो गई।
जरूरी कार्रवाई की जाएगी
अस्पताल में हो रहे हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी आलमबाग संजीव सिन्हा ने बताया कि परिजनों ने अस्पताल पर गलत ट्रीटमेंट का आरोप लगाया है। इससे दो मरीजों की मृत्यु हो गई है। परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। साथ ही जांच कर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।