लखनऊ। स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए रविवार को स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. अनूप चन्द्र पांडेय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं। बैठक में उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से ग्रसित कैटेगरी-सी के रोगियों से स्वाब नमूनों की प्रयोगशाला में जांच की सुविधा प्रयागराज तथा झांसी जिलों में भी तत्काल उपलब्ध करायी जाए। अभी यह सुविधा एसजीपीजीआई, केजीएमयू लखनऊ, सहित आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर के मेडिकल कालेजों तथा एनसीडीसी, दिल्ली में नि:शुल्क उपलब्ध है।
जिला चिकित्सालयों में 10 शैय्या युक्त आइसोलेशन वार्ड की सुविधा
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में 10 शैय्या युक्त आइसोलेशन वार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ, फिजिशियन, एपीडेमियोलॉजिस्ट, पैथालॉजिस्ट, लैब टैक्नीशियन की जिलास्तरीय रैपिड रिस्पॉन्स टीम को क्रियाशील बनाया जाए। सरकारी चिकित्सालयों के कैजुएल्टी व आकस्मिकता विभाग से जुड़े सभी मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ जो स्वाइन फ्लू के मरीजों की देखभाल एवं उपचार से जुड़े हों, एन्फ्लुएंजा वैक्सीन से टीकाकृत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य भवन के राज्य मुख्यालय तथा जिला मुख्यालयों पर स्थापित किए गए कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं।
रोकथाम एवं बचाव के उपाए बताए जाएं
मुख्य सचिव ने कहा कि आम लोगों को इस वायरस जनित रोग के प्रमुख लक्षणों, रोकथाम एवं बचाव के उपायों एवं उपचार के सम्बंध में व्यापक जानकारी देने के लिए सघन प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रचार अभियान के दौरान इस बात की विस्तृत जानकारी दी जाए कि आमजन इस सम्बन्ध में क्या करें और क्या न करें।
कड़ी निगरानी करें
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी मण्डलीय अपर निदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक स्वाइन फ्लू के नियंत्रण के लिए बनाई गई कार्य योजना को प्रभावी रूप से लागू करें। इसके साथ ही राज्य नोडल अधिकारी व जिला नोडल अधिकारी इस कार्य योजना के माध्यम से कड़ी निगरानी करें।