लखनऊ। हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप को लेकर जो भ्रांतियां है। इसे लेकर डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि उक्त रक्तचाप बढऩे का कारण बदलती जीवन शैली का होना है। शुरुआती दौर में इसके लक्षण नहीं पता चलते, लेकिन नियमित जांच बहुत जरूरी है। खासकर उन लोगों में जिनके घर में अनुवांशिक हाइपरटेंशन है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है होम मॉनिटरिंग करना।
ये चौकाने वाली बात
डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि मेहदी हसन ने एक स्टडी की थी। इसमें चौकाने वाले तथ्य सामने आए थे। इस सटडी में 42 फीसदी एमडी, 38 फीसदी एमबीबीएस और 32 फीसदी नर्सों को बीपी नापने का सही तरीका ही नहीं पता है। यह कहा जा सकता है कि उन्हें सही जानकारी नहीं है।
बीपी को कभी आपत्तिकाल में ना करें
हाईपर टेंशन के बारे में उन्होंने कहा कि इसके कोई लक्षण है ही नहीं। आप एक काम कर सकते हैं कि आप रोजाना तीन बार घर बीपी को चेक और एक सप्ताह तक करें। उसके बाद आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। इस बात का खास ध्यान रखें कि बीपी को कभी आपत्तिकाल में ना चेक करें।
उच्च रक्तचाप के कारण
धूम्रपान, मोटापा, शारीरिक गतिविधियों में कमी, भोजन में अत्यधिक नमक, बढ़ती उम्र, अनुवांशिकता, शराब, तनाव और थायराइड, गुर्दे से जुड़ा पुराना रोग, एड्रिनल संबंधी परेशानी, स्लीप एप्निया।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
उच्च रक्तचाप को अक्सर ‘साइलेंट किलरÓ कहा जाता है, क्योंकि यह कई बार बिना दस्तक के ही शरीर में दाखिल हो जाता है। यहां हम कुछ लक्षण बता रहे हैं, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की पहचान की जा सकती है।
कई बार कुछ लोगों में उच्च रक्तचाप से संबंधित कोई भी लक्षण नजर नहीं आता। उन्हें इस बारे में चेकअप के बाद ही जानकारी होती है। हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण दिखाई न देना किडनी और हार्ट के लिए घातक हो सकता है इसलिए अगर आपको लगातार थकान या आलस जैसी सामान्य समस्या भी है, तो अपना ब्लड प्रेशर जरूर जांच करवाएं।
आसानी से चेक कर सकते हैं बीपी
रक्तचाप को मापना बहुत आसान है। ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टर से मिलने से पहले आपका ब्लड प्रेशर और वजन जांच लिया जाता है। आमतौर पर ब्लड प्रेशर को लगातार जांचते रहने पर सही परिणाम मिलते हैं। केवल एक बार रीडिंग ज्यादा होने पर ही इसका इलाज नहीं किया जा सकता है। आजकल बाजार में कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटर मिलते हैं, जिनकी मदद से आप घर में ही आसानी से अपना ब्लड प्रेशर चेक कर सकते हैं और इस पर नजर रख सकते हैं।
… तक होती है हाईपर टेंशन की श्रेणी
शुरू में दवाओं को एडजस्ट करते समय ब्लड प्रेशर नाप कर एक गोल निश्चित कर लें। सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 से कम होता है। ब्लड प्रेशर के 130/80 से ज्यादा हो जाने पर इसे हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में रखते हैं। जिन्हें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर है, उनका ब्लड प्रेशर 130/80 या उससे कम होना चाहिए। अगर आपका ब्लड प्रेशर लागातार हाई रह रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसी स्थिति में चिकित्सक आपको ब्लड प्रेशर के अलावा इन जांचों के लिए कह सकता है।