लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर हो रहे स्थानांतरण को लेकर राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ ने चिंता जाहिर की है। महासंघ का मानना है कि अगर बड़े पैमाने पर स्थानांतरण होंगे तो विभाग में असंतोष के साथ चिकित्सालयों के कार्य प्रभावित होंगे।
प्रतिनिधिमंडल ने किया मुलाकात
इस मामले को लेकर बुधवार को डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष संदीप बडोला के नेतृत्व में महानिदेशक डॉ. पद्माकर सिंह से मुलाकात की। महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा था कि विभागों में आवश्यक स्थानांतरण विकल्प लेकर किये जाएं जिससे कर्मियों में भी आक्रोश ना हो, साथ ही जनहित प्रभावित ना हो। लेकिन स्वास्थ्य विभाग में महानिदेशक को भी सभी स्थितियों की जानकारी दिए बिना बड़े पैमाने पर पैरामेडिकल के सभी वर्गों के स्थानांतरण की लिस्ट जल्दबाजी में बनाई जा रही है। विभाग में एक साथ 2 हजार पैरामेडिकल कर्मियों के स्थानांतरण से विभाग का कार्य प्रभावित होगा।
अनुरोध वालों को मिलनी चाहिए प्राथमिकता
महासंघ ने मेडिकल कॉलेज से किए गए स्थान्तरण को नीति का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया है। दाम्पत्य नीति से आच्छादित, पदाधिकारियों, पदाधिकारियों, विकलांगों, 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों के स्थानांतरण किये गए हैं। महासंघ ने यह भी कहा कि जिन फार्मेसिस्टों ने स्थानांतरण का अनुरोध किया है, उन्हें सबसे पहले प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अनेक कर्मी गंभीर बीमारी आदि के कारण पिछले 2 वर्षों से स्थानांतरण चाह रहे हंै लेकिन उनके आवेदनों पर कार्रवाई नहीं हुई इसलिये उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए। महानिदेशक ने नियमानुसार, नीति के अनुसार स्थानांतरण करने के साथ स्वयं के अनुरोध का स्थानांतरण प्राथमिकता पर करने का आश्वासन दिया है।
ऑन डिमांड हो स्थानांतरण
इसके साथ ही मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन और अन्य पैरामेडिकल कर्मियों ने भी नीतिविरुद्ध स्थानांतरण पर आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली है। स्थानांतरण नीति से हटकर किये जा रहे गलत स्थानांतरण के विरोध में डीपीए द्वारा लगातार किये जा रहे प्रयास और विभिन्न स्तरों पर बनाये जा रहे दवाब का नतीजा है कि आज डीपीए से हुई।
वार्ता में महानिदेशक ने कहा कि नियमानुसार स्थानांतरण किये जायेंगे जबकि इससे पूर्व 20 प्रतिशत के हिसाब से लगभग 1400 साथियो के स्थानांतरण की सूची विभाग ने तैयार कर ली थी जो दवाब बनाकर रुकवा दी गयी। डीजी कम से कम स्थानांतरण करने के लिये तैयार हुए। अभी भी डीपीए का प्रयास है कि मात्र ऑन डिमांड स्थानांतरण हो। डीजी से ऑन डिमांड स्थानांतरण की सूची भी तत्काल जारी करवाने का दवाब बनाया गया।