नई दिल्ली। आबादी को कमजोर करने वाले पोषण और मोटापे के मुद्दों से निपटने के लिए व्यापक नीति बनाएं। यह बात कुपोषण के मुद्दे पर एक सम्मेलन में दुनिया भर की सरकारों का आह्वान करने पर किया गया। कुपोषण के गंभीर स्वास्थ्य परिणामों और दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में बदलते खाद्य पर्यावरण पर तीन दिवसीय सम्मेलन में कहा गया कि दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में पोषण के क्षेत्र में एक नई स्थिति में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है जिसे ‘कुपोषण का डबल बोझ’ कहा जाता है। इसके तहत कम पोषण में तो कमी देखी जा रही है लेकिन अधिक वजन और मोटापा में तेजी से वृद्धि हो रही है।
सम्मेलन में पोषण से जुड़े विषयों पर विशेषज्ञों एवं सरकारी अधिकारियों ने विमर्श किया। इसमें भारत के 20 से भी अधिक राज्यों और 13 देशों से कुल मिलाकर 30 शोधकर्ताओं, कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और नीति निर्माताओं ने हिस्सा लिया।