लखनऊ। केजीएमयू के ब्लड बैंक से लेकर ट्रामा सेंटर तक दलालों के पौ- बारह है। रविवार को दलालों ने क्वीन मेरी अस्पताल से ब्लड लेने जा रहे एक तीमारदार को बिना रक्तदाता के ब्लड दिलाने के नाम पर छह हजार रुपये लेकर गायब हो गये। ब्लड बैंक की सख्ती के बाद अब दलाल शताब्दी अस्पताल के बाहर व ट्रामा सेंटर के आस-पास टहला करते है। क्वीन मेरी अस्पताल में प्रेम सागर की पत्नी की डिलीवरी के बाद डाक्टरों ने खून की कमी बतायी और दो यूनिट ब्लड केजीएमयू ब्लड बैंक से लाने के लिए कहा। बताया जाता है कि तीमारदार दो यूनिट ब्लड लेने के लिए निकले और ट्रामा सेंटर के बाहर कुछ काम से रूक गये और डोनर की कमी पर चिंता करने लगे। इस बीच वहीं एक व्यक्ति ने उन्हें बिना डोनर के ब्लड दिलाने का आश्वासन दिया और दो यूनिट का खर्च आठ हजार रुपये बताया। पहले तो रुपये अधिक होने का बात तीमारदार करते रहे। दलाल ने दो यूनिट का सौदा छह हजार रुपये में तय किया और अस्पताल दिये गये पर्चे और रुपये लेकर शताब्दी अस्पताल की ओर चला गया। तीमारदार बाहर चाय पीते रहे। तीमारदारों का कहना है कि दलाल ने कुछ देर में ही दो यूनिट ब्लड लाने के लिए कहा था। आधा घंटा बीता और धीरे -धीरे एक घंटा से ज्यादा बीतने पर वह लोग उस दलाल को तलाशने लगे। कई जगहों पर तलाश करने के बाद भी वह दलाल नहीं मिला तो इसकी शिकायत करने के लिए ब्लड बैंक पहुंचे। वहां पर उन्हे फटकार करके भगा दिया गया। ब्लड बैंक प्रभारी डा. तूलिका चंद्रा ने बताया कि उनकी सख्ती से ब्लड बैंक में तो दलाल आने मुश्किल है। फिर भी अभी भी कुछ तीमारदार दलालों को अपना मित्र रिश्तेदार बता कर ले आते है। उनकी काउंसलिंग के बाद पकड़ जाने पर कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा ब्लड बैंक में स्कैन की जांच के बिना ब्लड नहीं दिया जाता है। फिर बिना रक्त दाता के ब्लड दिया जाना नामुमकिन है।