लखनऊ। इप्सेफ के 12 दिसंबर को घोषित धरना प्रदर्शन में मोर्चा के सभी घटकों के कर्मचारी भाग लेंगे कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश की बैठक श्री वी मिश्र की अध्यक्षता में नगर निगम में संपन्न हुई। बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ राज्य निगम कर्मचारी महासंघ विकास प्राधिकरण कर्मचारी संगठन माध्यमिक शिक्षक संघ रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद शिक्षणेत्तर कर्मचारी महासंघ फेडरेशन आफ फार्मासिस्ट फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट आदि समस्त संगठनों ने भागीदारी की। लखनऊ जनपद का धरना 11:00 बजे जीपीओ पार्क में होगा
बैठक में इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) द्वारा घोषित 12 दिसंबर को देशभर के जनपदों में धरना प्रदर्शन करके जिलाधिकारी के माध्यम से मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री जी को भेजा जाएगा।
ज्ञापन में मांग की गई है कि राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन आयकर सीमा 8 लाख करने रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति करने आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन एवं विनियमितीकरण की नियमावली बनाने केंद्र की भांति सभी राज्यों के कर्मचारियों शिक्षकों निगम एवं स्थानीय निकाय कर्मचारियों को वेतन भत्ते एवं सुविधाएं देने रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करने आदि मांगों पर सार्थक निर्णय करने की मांग की गई। बैठक में यह भी मांग की गई है कि प्रधानमंत्री इप्सेफ के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके इप्सेफ की मांगों पर वांछित निर्णय करके सद्भाव का वातावरण बनाए।
बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि भारत सरकार को चेतावनी दी गई है कि 4 व 5 जनवरी 2020 को इप्सेफ की भोपाल में होने वाली कार्यकारी में घोषित भावी आंदोलन को भी उत्तर प्रदेश में पूरी तौर से भागीदारी की जाएगी।
बैठक में 50 वर्ष की सेवा पर जबरन सेवानिवृत्त करने तथा 33 वर्ष की सेवा पर वीआरएस देने की कार्यवाही की निंदा की गई और इस प्रकार की कार्यवाही को मोर्चा प्रबल विरोध करता है और इसके विरोध में वह आंदोलन करने को बाध्य होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी से मांग की गई कि वेतन समिति की संस्तुतियों पर तत्काल निर्णय किया जाए तथा राजकीय निगमों स्थानीय निकाय कर्मचारियों का पुनर्गठन वेतन विसंगतियों दैनिक कर्मचारियों का विनियमितीकरण तथा 12 बचे राजकीय निगमों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने महंगाई भत्तों की बकाया किस्तों का भुगतान विकास प्राधिकरण कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति 10 वर्ष की सेवा पर सेवानिवृत्त देने शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर 300 दिन का अवकाश नकदी करण करने तथा माध्यमिक शिक्षकों का विनियमितीकरण करने पर भी मुख्य सचिव स्तर की बैठकों में बनी सहमति पर तत्काल निर्णय किया जाए।
मुख्यमंत्री जी से मांग की गई कि ज्ञापन की प्रधानमंत्री जी के संस्तुति के साथ भेजें।