लखनऊ। रायबरेली रोड स्थित एसजीपीजीआई में एक नया अध्याय जुड़ गया है। यहां मरीजों को बिना स्पर्श किए ही ऑपरेशन होगा। डॉक्टर कहीं और होगा और मरीज कहीं और। यानी कम से कम चीरा लगाकर ऑपरेशन होगा, दर्द भी कम होगा और मरीज जल्द ठीक होकर घर जा सकेगा।
31 करोड़ की लागत
एसजीपीजीआई उत्तर प्रदेश का ऐसा पहला संस्थान बन गया है जहां रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है। यहां रोबोटिक सर्जरी की सुविधा होने से प्रदेश के लोगों को नहीं बल्कि आस-पास के प्रदेश के मरीजों को भी कम खर्च पर इसका बेहतर लाभ मिलेगा। अप्रैल में एसजीपीजीआई में करीब 31 करोड़ की लागत से अमेरिका से अत्याधुनिक ‘दा विंसी सर्जिकल रोबोटÓ पहुंचा। अन्य रोबोटिक उपकरण खरीदे गए। प्रायोगिक तौर पर ऑपरेशन किए गए।
रोबोटिक सर्जरी के लिए आठ चिकित्सकों को दिया प्रशिक्षण
फिलहाल एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी चार विभागों यानि कि यूरोलॉजी, इण्डोक्राइन सर्जरी, गैस्ट्रो सर्जरी और सीवीटीएस में किया जाएगा। एसजीपीजीआई के सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि अब तक संस्थान में रोबोटिक सर्जरी से कुल आठ ऑपरेशन हो चुके हैं। डॉ. अग्रवाल इसके प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी के लिए संस्थान के आठ चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया है।
यह होगा फायदा
एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी शुरू होने के बाद कम खर्च पर जटिल ऑपरेशन हो सकेंगे। इसके अलावा रोबाटिक सर्जरी में जटिल ऑपरेशन के दौरान सामान्य से कम खून खराब होगा। मरीज को दर्द और संक्रमण का खतरा भी कम होगा। रोबोटिक सर्जरी के प्रयोग में आने से इण्डोक्राइन, कार्डियेक, सिर और गले, अंग प्रत्यारोपण, यूरोलॉजिकल और गाइनोसर्जरी में सहायता मिलेगी। यह मरीजों के लिए वरदान साबित होगी।
ऐसे करता है काम
द विंसी रोबोट मशीन हाई डेफिनिशन थ्री-डी कैमरा से युक्त होती है। थ्री-डी हाई डेफिनिशन विजुअल सिस्टम के जरिए छोटे उपकरण शरीर में प्रवेश कराए जाते हैं। ये मानव हाथ से कहीं ज्यादा घूमते हैं। सर्जन ऑपरेशन के लिए अपने हाथ के बजाय तमाम हाथ वाले रोबोट का सहारा लेता है। सर्जन उसे गाइड करते हैं। एक तरह से यह कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से कंट्रोल होता है। इससे सर्जन जितने पॉइंट पर सेट करके रोबोट के हाथ को निर्देश देता है, वह उतने ही पॉइंट को काटता है। डॉक्टर जहां 10 मिमी तक सटीकता के साथ काम कर सकते हैं, वहीं एक रोबोट एक मिमी की सटीकता के साथ। इस तरह इसकी एक्यूरेसी शत प्रतिशत रहती है।
देश में 300 से ज्यादा प्रशिक्षित रोबोटिक सर्जन
गौरतलब है कि देश भर में 300 से ज्यादा प्रशिक्षित रोबोटिक सर्जन हैं। रोबोटिक सर्जरी सामान्य सर्जरी से 50 हजार से 2 लाख रुपये तक महंगी है। फिलहाल रोबोटिक सर्जरी एम्स दिल्ली, पीजीआई चंडीगढ़, एम्स ऋषिकेश समेत कई निजी अस्पतालों में सुविधा है। अब यह सुविधा उत्तर प्रदेश के एसजीपीजीआई में है, जो कि शनिवार से शुरू हो गई है।