डा. अनिल चंद्रा को प्रो. सीपी गोविला और डा. अजय सिंह को बीडी अहूजा अवार्ड
लखनऊ। बच्चों के दांत में कीड़े लगने, मंसूड़ों पर छाले होने पर तत्काल इलाज कराना चाहिए। ऐसा न करना बड़ी बीमारी की वजह बन सकती है। यह जानकारी रविवार को डॉ विक्रम आहूजा ने दी। वह इंडियन डेंटल एसोसिएशन एवं सोसायटी फार कास्मिक डेंटल इंप्लांट एकेडमी की ओर से सिप्स हॉस्पिटल में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
सुबह-शाम करें ब्रश
डॉ. विक्रम अहूजा ने बताया कि सुबह-शाम ब्रश करने की आदत शुरुआत से ही डालनी चाहिए, रात में सोने से पहले ब्रश करने से मंसूड़ों को क्षति पहुंचाने वाले कारक कम हो जाते हैं। सुबह-शाम ब्रश करने से दांत का रखरखाव सही हो सकता है। उन्होंने बताया कि बच्चों के दांत में कीड़े लगने पर लोग सोचते हैं कि दूध के दांत टूटने पर नए दांत आ जाएंगे, लेकिन कीड़े दांत की जड़ में छुप जाते हैं, जो दोबारा दांत निकलने के बाद मंसूड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।
मंसूड़ों के छाले से दांत हो सकते हैं टेढ़ें-मेढ़े
कई बार मंसूड़ों के छाले की वजह से दांत टेढ़ें-मेढ़े हो जाते हैं और वे मंसूड़ें का विकास रोक देते हैं। इससे दांत टूटने पर दोबारा इंप्लांट कराने वाले मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान केजीएमयू के प्रोफेसर अनिल चंद्रा को प्रोफेसर सीपी गोविला अवार्ड एवं प्रो. अजय सिंह को बीडी अहूजा अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस दौरान डा. विक्रम अहूजा, डॉ. राकेश कुमार चक, डा. अभिषेक पांडेय, डा. सुधीर कपूर, डा. आरवी सिंह आदि मौजूद थे।