लखनऊ। बरसात का मौसम आते ही मच्छर पनपने लगते हैं और जो मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बुखार का कारण होते हैं। इन बीमारियों से जागरुकता ही बचाव है। डेंगू बुखार और डेंगू रक्तस्रावी बुखार दुनिया में सबसे आम मच्छरजनित वायरल बीमारी है। यह एडीज मच्छर द्वारा प्रसारित वायरस के संक्रमण से होती है।
डेंगू को कैसे पहचानें
डेंगू का प्रमुख लक्षण तेज बुखार है और इसमें 102-1030स्न तक बुखार आना आम बात है। इसमें ज्यादातर जोड़ों मांसपेशियों व हड्डियों में दर्द होता है। जी मिचलाना, जी घबराना, थकावट महसूस होना भी विभिन लक्षणों में से एक है। इसमें शरीर में छोटे चकत्ते या रैशेस हो जाते हैं। इन रैशेस में कभी-कभी खुजली भी होती है। ज्यादातर डेंगू से पीडि़त मरीज आंख के पीछे दर्द की शिकायत करते हैं। एडीज मच्छर दिन के समय काटता है। यह स्वच्छ व साफ पानी में अंडे देता है। इसकी एक अलग शारीरिक विशेषता होती है कि इसके शरीर पर काली व सफेद धारियां होती हैं।
डेंगू से बचाव
हम एडीज मच्छर के प्रजनन को रोककर डेंगू से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए हमें ऐसे किसी भी जगह पर साफ पानी इक_ा ही नहीं करना चाहिए। इसके लिए पुराने टायर, गमले, कपड़े धोने के टैंक, पालतू जानवरों के खाने के कंटेनर, खुली बोतलें, कूलर, बिना ढके गड्ढे/ड्रम, घर की नालियों आदि में पानी इक_ा नहीं होने देना चाहिए। हर दूसरे दिन गमलों के नीचे की प्लेटों से पानी निकाल देना चाहिए। कूलर का पानी नियमित रूप से बदल देना चाहिए। इसके साथ ही डेंगू से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े, पहनने चाहिए। मच्छररोधी क्रीम, मच्छरदानी, कोइल, मच्छर भगाने वाले यंत्रों का उपयोग करना चाहिये।
डॉ से तुरंत ले सलाह
यदि कहीं छुट्टी पर जा रहे हैं तो घर की सभी नालियों के द्वार को जाली से सील कर दें। सभी टॉयलेट सीट के ढककर जाएं। ऐसा स्थान जहां पानी इक_ा होता है या हो सकता है, वहाँ पर कीटनाशक छिड़ककर जाएं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि हर बुखार डेंगू नहीं होता है, फिर भी एहतियात के तौर पर 2 या तीन दिन से ज्यादा बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं व जांच करा सकते हैं। सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर यह नि:शुल्क उपलब्ध है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अधिकृत लैब से ही डेंगू की पुष्टि होने के बाद समुचित इलाज कराएं और डेंगू पर पाएँ। इसके साथ ही डॉ. अग्रवाल ने स्कूलों से अपील की है कि वह बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनने के लिए निर्देशित करें।