लखनऊ। राजधानी को टीबी मुक्त करने के लिए सभी को सक्रिय रूप से सहयोग की जरूरत है जिससे भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य टीबी मुक्त शहर लखनऊ को वर्ष 2021 तक क्षय रोग से पूर्ण रूप से मुक्त किया जा सके। उक्त बातें केजीएमयू के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने कही।
सहयोग करने की अपेक्षा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। डॉ. बीके सिंह जिला क्षय रोग अधिकारी ने उपस्थित निजी चिकित्सक केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी, आईएमए, आईपीए के सदस्य तथा अन्य विभागों के प्रतिभागियों को लखनऊ को क्षयरोग मुक्त शहर बनाने के लिए सहयोग करने की अपेक्षा की तथा टीबी के निदान तथा उपचार से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई।
जांच व उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था
राज्य प्रतिनिधि के रूप में डॉ. संतोष गुप्ता राज्य क्षय रोग अधिकारी उप्र ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा टीबी गजट नोटिफिकेशन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रत्येक चिन्हित क्षयरोगी को भारत सरकार की वेबसाइट पर अपडेट किए जाने पर विशेष जोर दिया। कार्यक्रम में जीत प्रोजेक्ट (ज्वाइंट एफर्ट फॉर एलिमिनेशन ऑफ टीबी के पदाधिकारियों ने भी अपनी महत्वपूर्ण तथ्यों से लोगों को अवगत कराया की निजी क्षेत्र में चिन्हित सभी मरीजों को कार्यक्रम के अंतर्गत जांच व उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है जिसके लिए जीत प्रोजेक्ट के अंतर्गत सैम्पल कलेक्शन एंड ट्रांसपोर्टेशन निजी चिकित्सकों के केंद्र पर ही की जाती है।
सभी को मिलकर करना होगा प्रयास
डॉ. डीके बाजपेई अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यक्रम को सार्थक करने के लिए सभी को सामूहिक रूप से प्रयास की जरूरत है जिस प्रकार सभी के दृढ़ इच्छाशक्ति व संकल्प से पल्स पोलियो कार्यक्रम को सफल बनाए गया। सभी के सहयोग से लखनऊ को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत क्षय रोग से मुक्त कर दिया जाएगा। डॉ. उमेश त्रिपाठी डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट, आरएनटीसीपी उत्तर, प्रदेश शैलेंद्र उपाध्याय जीत प्रोजेक्ट, दिलशाद हुसैन डीपीसी, डॉक्टर इमरान खान, ममता, एमआईसीएच एनजीओ तथा जनपद के रामजी वर्मा, फहीम अहमद डिस्ट्रिक्ट पीपीएम कोऑर्डिनेटर, अभय मित्रा ने भाग लिया।