लखनऊ। श्रम विभाग के प्रमुख सचिव की संस्तुति पर सोमवार को राज्यपाल ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना के प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वीके खरे को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिया।
बताया जा रहा है कि डॉक्टर खरे को प्राइवेट प्रैक्टिस करने का दोषी पाया गया था। इस मामले में डॉ. खरे को सस्पेंड करने की संस्तुति प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा ने राज्यपाल से की थी।
जांच अधिकारी नियुक्त
वहीं चन्द्रा ने पूरे मामले की जांच के लिए विशेष सचिव श्रम मुनीन्द्र कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। निलम्बन की अवधि तक डॉ. खरे कर्मचारी राज्य बीमा योजना के कानपुर स्थित निदेशालय से सम्बद्ध रहेंगे। प्रदेश सरकार के पास इस बात की पुख्ता सूचना थी कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना के प्रभारी सीएमओ डॉ. खरे हीवेट रोड, शिवाजी मार्ग, घसियारी मंडी व नाका हिंडोला में शाम छह बजे से रात साढ़े 9 बजे तक और रविवार को सबेरे 9 बजे से दोपहर एक बजे तक अपनी प्राइवेट क्लीनिक चलाते हैं।
प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे
डॉ. खरे अपनी प्राइवेट क्लीनिक उस स्थिति में चला रहे थे, जबकि उन्होंने प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करने का शपथ पत्र श्रम विभाग को दिया हुआ है। इसीलिए विभाग उन्हें नॉन प्रैक्टिस भत्ता भी दे रहा था। डॉ. खरे को निलंबन की अवधि में नियमानुसार धन का भुगतान तभी किया जाएगा, जब वे अन्य सेवायोजन, व्यापार व व्यवसाय न करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे।