लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में डॉक्टरों और वॉर्डब्वाय की एक बार फिर लापरवाही सामने आई है। इस लापरवाही से एक बच्चे की जान चली गई। इस तरह की घटनाओं ने स्वास्थ्य महकमे और अस्पताल प्रबंधन की संवेदनहीनता को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
चारों बच्चों को एक ही ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे विभाग में शिफ्ट करने की प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार केजीएमयू के ट्रामा सेंटर से चार बच्चों को बाल रोग विभाग में शिफ्ट किया जाना था। बताया जाता है कि चारों बच्चों की हालत गंभीर थी। बीमार बच्चों के परिजनों ने वार्डब्वाय और डॉक्टर से एक-एक बच्चे को शिफ्ट करने के लिए कहा था लेकिन वार्ड ब्वाय ने उनकी बात नहीं मानी। देखते ही देखते चारों बच्चों को एक ही ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे विभाग में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
परिजन ने ट्रामा सेंटर में किया हंगामा
ऑक्सीजन की कमी के कारण एक बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत से आहत परिजन ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रामा सेंटर में हंगामा किया। इसके बाद प्रशासन ने परिजनों को डरा धमकाकर अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। केजीएमयू प्रशासन ने मामले को दबाये रखा और इस बारे में किसी प्रकार की घटना होने से इनकार करता रहा। घटना रायबरेली निवासी मो. राशिद के बेटे के साथ घटित हुई। रशीद ने बताया कि उनके तीन महीने के बेटे मो. सैफ को बुखार था।
इन्होंने यह कहा
इस मामले को लेकर केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने कहा कि ट्रामा से बाल रोग विभाग में चार बच्चों को शिफ्ट किया जा रहा था। इसमें से एक बच्चे शैफ को दिल का दौरा पड़ गया। डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश की मगर कामयाबी नहीं मिली। बाकी तीन बच्चे सुरक्षित हैं और उनका इलाज चल रहा है। इन बच्चों को एम्बुलेंस से शिफ्ट किया जा रहा था।