लखनऊ। कैंसर के बाद मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है मोटापा। समाज में यह भ्रांति है कि मोटापा सिर्फ अमीर लोगों को या ज्यादा खाना खाने वालों को ही होती है। आपको यह बता दें कि मोटापा का सिर्फ सर्जरी ही इलाज नहीं है। जरूरी है कि हम ऐसी नौबत आने ही ना दें। उक्त बातें राम मनोहर लोहिया संस्थान के सर्जिकल गैस्ट्रो एन्टरोलॉजी के मुख्य प्रभारी डॉक्टर अंशुमान पाण्डेय ने एंटी ऑबसिटी डे पर सोमवार को कही।
यह हो सकती है समस्या
डॉ. अंशुमान ने कहा कि मोटापा किसी को भी हो सकता है। हमारे संस्थान में सर्जरी के बाद 70 से 100 किलो तक का वजन कम किया जा चुका है। ओबेसिटी की वजह से दिल से जुड़ी बीमारी, डायबिटीज, गठिया रोग, हड्डियों में दर्द, अल्सर, खर्राटे आदि जैसी समस्या हो सकती है। मोटापे को बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और कमर परिधि से मापा जा सकता है।
महिलाओं के लिए 35 इंच से अधिक और पुरुषों के लिए 40 इंच से अधिक की कमर परिधि को स्वस्थ नहीं माना जाता है। उन्होंने कहा कि मोटापे का इलाज किया जाए तो कई बीमारियों से निजात भी मिल जाती है।
थोड़ा सा बदलाव लाना जरूरी है
नियमित व्यायाम से आप अपना वजन नियंत्रण में रख सकते हैं। तेज चलना, तैरना और साइकिल चलाना अच्छे व्यायाम हैं। दिन में तीन बार नियमित आहार लें। कुछ लोग भूख लगने पर किसी भी समय खाते हैं। वे बिना समय मीठे व्यंजनों और जंकफूड का सेवन करते हैं। कम कैलरी से युक्त आहार, फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें। सैचुरेटेड फैट के सेवन से बचें। पानी का पर्याप्त सेवन करना चाहिए।
तो हो सकता है मोटापे का शिकार
जब व्यक्ति जरूरत से ज्यादा कैलरी का सेवन करता है तो यह अतिरिक्त कैलरी फैट के रूप में शरीर में जमा होने लगती है। शारीरिक रूप से निष्क्रिय व्यक्ति में वजन बढऩे से आर्थराइटिस, दिल, लिवर व ब्लड प्रेशर की बीमारियां हो सकतीं हैं। अगर किसी व्यक्ति के माता-पिता में से एक या दोनों मोटापे का शिकार हैं तो बच्चों में मोटापे की संभावना बढ़ जाती है।
कैलरी युक्त आहार, जंक फूड, पेय पदार्थों का अधिक सेवन करने तथा फलों और सब्जियों का सेवन कम करने से व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है। मोटापा किसी भी उम्र में, यहां तक कि छोटे बच्चों में भी हो सकता है।