लखनऊ। गले में दर्द या फिर कोई भी खाने वाली चीज निगलने में समस्या हो रही हो तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें। यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत है। या फिर यूं कह लें कि यह आहार नली के कैंसर का लक्षण हो सकता है। अक्सर लोग इस गले का दर्द समझ बैठते हैं और आगे चलकर बड़ी परेशानी हो जाती है। आजकल इस तरह की समस्या से आहार नली के कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। यह बात पीजीआई के रेडियोथेरेपी विभाग के रेजिडेंट डॉ. सिद्धार्थ पंत ने यह बात कही। उन्हें बेस्ट पेपर अवार्ड से नवाजा गया है। उन्होंने कहा कि कैंसर मरीजों को पहले कीमो, रेडियोथेरेपी दें तो ऑपरेशन के बाद निकले टिश्यू में करीब 40 फीसदी बीमारी समाप्त हो जाती है।
बीमारी को बढऩे से ही रोका जाए
पीजीआई की रेडियोथेरेपी विभाग की प्रमुख डॉ. पुनीता लाल ने बताया कि आज के समय में अनियमितता की वजह से जीवनशैली में बदलाव आ गया है। इससे लोगों का खानपान, रहन-सहन तेजी से बदल रहा है। इससे शरीर में तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं। इसमें सबसे खतरनाक बीमारी है किसी भी प्रकार का कैंसर। अभी लोगों में जागरुकता की कमी भी है और इसका नतीजा यह है कि वर्तमान में कैंसर विकराल रूप लेता जा रहा है। आज के आधुनिक युग में नई तकनीक आने से कैंसर का इलाज आसान तो हो गया है पर, बीमारी को बढऩे से ही रोक दिया तो इससे बेहतर क्या होगा।
स्टेरियो टैक्टिक बाडी रेडियोथेरेपी टेक्निक से सटीक इलाज
टेक्नीशियनों को प्रशिक्षण जरूरी पीजीआई के रेडियोथेरेपी विभाग की ओर से यूपी स्टेट चैप्टर मीटिंग ऑफ एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन आंकोलॉजी ऑफ इंडिया कार्यक्रम हुआ। इसमें देश भर से विशेषज्ञ आए। डॉ. पुनीता ने कहा कि वर्तमान में नई तकनीक बढऩे के साथ ही टेक्नीशियनों को प्रशिक्षण देने की जरूरत है। स्टेरियो टैक्टिक बाडी रेडियोथेरेपी टेक्निक से सटीक इलाज के लिए सीधे ट्यूमर पर रेडिएशन दिया जाता है।
डॉ. आयुषी बेस्ट पेपर अवार्ड
लोहिया संस्थान के रेडियोथेरेपी की रेजिडेंट डॉ. आयुषी को पोस्ट ऑपरेटिव मरीजों पर अध्ययन पर बेस्ट पेपर के अवार्ड से नवाजा गया। केजीएमयू रेडियोथेरेपी के डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि कैंसर की जांच में इमेज गाइडेंस थेरेपी काफी कारगर है। यह थेरेपी प्रोस्टेट, ब्रेन ट्यूमर, हेड-नेक के कैंसर के लिए सटीक है। इमेज को देखकर ट्यूमर रेडिएशन दिया जाता है। इससे आसपास का हिस्से में प्रभाव नहीं पड़ता है, जबकि पहले ऐसा नहीं था। वाराणसी के डॉ. सत्यजीत ने बताया अब पोर्टन बिंब थेरेपी से कैंसर का इलाज करने पर काम हो रहा है। यह थेरेपी बच्चों के कैंसर के इलाज में काफी मददगार साबित होगी।