लखनऊ। फार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने फार्मेसी संस्थानों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। फार्मेसी संस्थानों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए अब से पांच साल तक फार्मेसी संस्थान खोलने पर रोक लगा दी गई है। इससे शैक्षणिक गुणवत्ता और रोजगार की संभावना भी बरकरार रहेगी।
कौंसिल की वेबसाइट पर किया अपलोड
स्टेट फार्मेसी कौंसिल उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि 6 और 7 अप्रैल को पीसीआई के 106वीं सेंट्रल कॉन्सिल बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था जिसे 17 जुलाई को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा को भेज दिया गया है तथा कौंसिल की वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया है।
कुछ यह कहते हैं आंकड़े
गौरतलब है कि इस समय देश में कुल 1,985 डिप्लोमा फार्मेसी संस्थान तथा 1,439 बैचलर फार्मेसी संस्थान संचालित हो रहे हैं जिनसे प्रति बैच 2,19,279 फार्मेसिस्ट छात्र शिक्षा ग्रहण कर पंजीकृत हो रहे हैं। कौंसिल के अनुसार जनसंख्या के अनुपात में फार्मेसिस्टों की संख्या मानक के अनुसार पूर्ण हैं। लगातार नए कॉलेजों के खुलने से प्रोफेसर की उपलब्धता कम हो रही है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। वहीं भारी संख्या में पंजीकृत फार्मेसिस्टों को सरकारी व निजी क्षेत्रों में उचित रोजगार मिलना भी कठिन हो रहा है।