लखनऊ। संविदा कर्मचारियों के एक घंटे के कार्य बहिष्कार ने मरीजों को आफत में डाल दिया। मंगलवार को संविदा कर्मचारियों की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी और स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पदमाकर सिंह से मुलाकात नहीं हो सकी। डॉक्टर राम मनोहर लोहिया संयुक्त अस्पताल, वीरांगना अवंतबाई महिला डफरिन अस्पताल में मंगलवार को सिल्वर टच टेक्नोलॉजी कंपनी की ओर से तैनात संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने करीब एक घंटे कार्य बहिष्कार किया।
मिला आश्वासन
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अलग-अलग अस्पतालों में मंगलवार को एक घंटे कार्य बहिष्कार किया। ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को पर्चा बनवाने में मशक्कत करनी पड़ी। बाद में जब कर्मचारियों ने काउंटर खोला तो पर्चा बन सका। वहीं, प्रयागराज के अस्पतालों के कर्मचारी ने वहां मौजूद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मंत्री रीता बहुगुणा और अफसरों से इस संबंध में वार्ता करेंगे।
32 अस्पतालों में विरोध
वहीं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पदमाकर सिंह से भी संविदा कर्मचारियों की मंगलवार को मुलाकात नहीं हो सकी है। सभी अस्पतालों के अधीक्षक चाह रहे हैं कि यह सभी कर्मचारी अस्पतालों में काम करते रहे। क्योंकि इनको काम करने का काफी अनुभव हो चुका है। प्रदेश भर में चल रहा है आंदोलन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदेश भर के 32 अस्पतालों में विरोध चल रहा है। यह सभी कर्मचारी प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया के तहत ई-हॉस्पिटल परियोजना में सिल्वर टच टेक्नोलॉजी कंपनी से संविदा पर कार्य कर रहे हैं। इन्हें अचानक 31 मार्च से पहले हटाने का आदेश एनएचएम की ओर से जारी किया गया है।
सौंपा मांग पत्र
प्रयागराज में कई अस्पतालों के संविदा कर्मचारियों ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ से मिलकर उन्हें मांग पत्र सौंपा। मांग में संविदा कर्मचारियों को एनएचएम या स्वास्थ्य विभाग के जरिए अस्पतालों में समायोजित किया जाना शामिल है। संविदा कर्मचारी अभी आंदोलन जारी रखेंगे। जल्द समायोजन न होने पर कर्मचारी आंदोलन का रुख उग्र कर सकते हैं।