लखनऊ। मानसिक दिव्यांगता से पीडि़त बच्चों का इलाज बिना दवाओं से करने के लिए इंग्लैंड से आए न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. राहुल भारत बाल रोग विशेषज्ञों के साथ मिलकर नई चिकित्सा पद्धति को सिखाएंगे।
डॉक्टर राहुल ने कही ये बात
उन्होंने बताया कि मानसिक दिव्यांगता से पीडि़त अधिकांश बच्चों का इलाज आमतौर पर दवाइयों से फिजियोथेरेपी से की जाती रही है। इग्लैंड में एसोसिएशन ऑफ चाइल्ड ब्रेन रिसर्च के चिकित्सकों ने चार साल का अध्ययन कर पाया कि ऐसे बच्चों का इलाज बिना दवा के संभव है और इसके परिणाम भी बेहतर पाए गए। इस विधि को अपनाने से बच्चों के शरीर पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता। ऐसी ही एक पद्धति का निर्माण किया है इंग्लैंड में अपनी सेवाएं दे रहे भारतीय डॉक्टर राहुल भारत ने।
बेहतर परिणाम
इसमें गतिविधियों के जरिए बच्चों का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टर का दावा है कि उनके यहां पर पिछले चार साल में करीब 1100 बच्चों का इस पद्धति से इलाज किया गया है। इसमें करीब 70 फीसदी बच्चे सही हो चुके हैं। इसके परिणाम भी बेहतर हैं।
स्टार्ट अप में भी शामिल किया
तीन दिसंबर को मनाए जाने वाले विश्व विकलांगता दिवस की पूर्व संध्या पर डॉ. भारत ने बताया कि ‘द सिस्टम एंड मेथड टू रिड्यूज न्यूरो डिसएबिलिटी इन चिल्ड्रेन’ नाम की चिकित्सा पद्धति का निर्माण कराया है और इसको पेटेंट भी करा चुके हैं। इसके साथ ही स्टार्ट अप में भी इसे शामिल किया गया है।