डेस्क। खुद के बारे में ज्यादा सोचना भी एक तरह की मानसिक बीमारी है और इसकी वजह से आपकी सेहत पर भी असर पड़ सकता है। कुछ लोगों को ज्यादा सोचने की आदत होती है।
कुछ लोग खुद के बारे में ज्यादा सोचने को आत्मनिरीक्षण कह सकते हैं। आप आत्मनिरीक्षण करते हैं तो अपने किए गए काम के परिणाम के बारे में सोचते हैं या फिर उस काम में रह गई कमी के बारे में सोचते हैं। आत्मनिरीक्षण का परिणाम सकारात्मक हो सकता है या कुछ भी नहीं होता है। जब आप बिना वजह सोचते हैं तो ये एक मानसिक बीमारी के कारण होता है और इसके परिणाम नकारात्मक होते हैं। वो अकेले में खुद से बातें करने लगते हैं या बुदबुदाते रहते हैं। कई बार सड़क पर चलते हुए कोई काम करते हुए या बैठे-बैठे जब आप बुदबुदाते हैं और दूसरे लोग इसे देख लेते हैं, तो आपको शर्मिन्दगी का सामना भी करना पड़ता है। डिप्रेशन या अवसाद की स्थिति की शुरुआत इसी तरह के लक्षणों से होती है। अवसाद की स्थिति में व्यक्ति को सिर दर्द, उलझन, बेचैनी आदि भी हो सकती है।
ऐसे बचें
ये परेशानी ज्यादातर उन लोगों के साथ आती है जो ज्यादातर समय अकेले रहते हैं। सबसे पहले अपना अकेलापन दूर करें। इसके लिए दोस्तों, परिवार, रिश्तेदारों या पड़ोसियों से बात करना शुरू करें। या समय गुजारने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किताबें पढ़ें, फिल्में देखें, गाने सुनें या दोस्तों से चैट करें।