लखनऊ। जहां एक ओर मौसम में बदलाव के समय हमें अपने शरीर को बीमारियों से बचाना होता है वहीं कुछ ऐसी बीमारियां भी होती हैं जिनके लिये मौसम विशेष में मरीजों को खास ध्यान रखता होता है। ऐसी ही हड्डियों के मरीजों को सर्दी के मौसम में अपना विशेष ध्यान रखना चाहिये।
रेडियस ज्वांइट सर्जरी हास्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर संजय श्रीवास्तव ने कहा कि ठ΄ड का मौसम शुरू होते ही कई प्रकार की समस्यायें शुरू हो जाती हैं, खासकर जोड़ों से संबंधित समस्या। इस मौसम में जोड़ों का दर्द अधिक सताता है। जैसे-जैसे तापमान कम होता जाता है, रक्तवाहिनियां सिकुडऩे लगती हैं और उस हिस्से में खून का तापमान कम होने लगता है। इसके कारण जोड़ सिकुडऩे लगते हैं और दर्द बढ़ जाता है।
ऐसे में होता है जोड़ों में दर्द
ठंड में दिल के आसपास रक्त की गर्माहट बनाए रखने के लिए शरीर के अन्य अंगों में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है, जिसका परिणाम जोड़ों में दर्द है। अगर आपकी हड्डियां कमजोर हैं तो सर्द का अधिक असर दिखेगा। इस मौसम में उम्रदराज लोगों को सबसे अधिक समस्या होती है योंकि उनका बोन डेंसिटी कम हो जाता है। इसलिए में जोड़ों के दर्द को कम करने वाले उपाय आजमाने चाहिए।
सर्दियों में अधिक समस्या
डॉ. संजय बताते हैं कि अर्थराइटिस के मरीजों को सर्दियों में अधिक समस्या होती है। किसी भी तरह के अर्थराइटिस के मरीज को ठंड के मौसम में होने वाला अर्थराइटिस का दर्द असहनीय हो जाता है। अर्थराइटिस कई प्रकार की होती है, जैसे आस्टियो अर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस, सोराइटिक अर्थराइटिस, पोलिमायल्गिया रूमेटिका, एन्कायलॉजिंग स्पो΄डिलाइटिस, थ्रोएिटव अर्थराइटिस, गाउट, सिउडोगाउट, पोलिमायोसाइटिस आदि।
सबसे अधिक दर्द रूमेटाइड और आस्टियो अर्थराइटिस मेंं होता है। अगर आपकी हड्डियां कमजोर हैं तो इसके इसमें कैल्शियम की कमी है। किसी भी जोड़ में हड्डियां आपसी संपर्क मे΄ नहीं आ पाती हैैं जोड़ों के बीच में एक कार्टिलेज का कुशन होता है। हम जब बूढ़े होने लगते हैं तब कुशन को लचीला और चिकना बनाए रखने वाला लुब्रीकेंट कम होने लगता है। इसके अलावा लिगामेंट्स की लंबाई और इसका लचीलापन भी कम हो जाता है, इसके कारण जोड़ों΄ में अकडऩ होती है।