लखनऊ। केजीएमयू में 14 मार्च गुरुवार को पहला लिवर का प्रत्यारोपण किया गया। अब उत्तर प्रदेश को दूसरा लिवर का प्रत्यारोपण केंद्र मिल गया है। केजीएमयू में जीवित व्यक्ति से लिवर का प्रत्यारोपण था। इसमें पुरुष की आयु 50 साल थी। यह पुरुष क्रोनिक लिवर रोग से ग्रसित था। मरीज को उसकी पत्नी ने लिवर दिया है। मरीज रायबरेली का था। ऑपरेशन के बाद पति-पत्नी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
खर्च करीब सात से आठ लाख रुपए
इस लिवर प्रत्यारोपण में 14 घंटे से अधिक का समय लगा। गौरतलब है कि लिवर प्रत्यारोपण भारत के कुछ ही चुनिंदा संस्थानों में होता है। यह प्रत्यारोपण केजीएमयू के गैस्ट्रोइण्ट्रोलॉली विभाग के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस प्रत्यारोपण का खर्च करीब सात से आठ लाख रुपए आंकी जा रही है। यह प्रत्यारोपण सुबह पांच बजे शुरू हुई थी जो कि देर शाम तक चली।
ये हैं टीम के सदस्य
यह प्रत्यारोपण केजीएमयू और दिल्ली के मैक्स हास्पीटल के संयुक्त प्रयास से सफल हुआ है। केजीएमयू की ओर से प्रत्यारोपण टीम के नेतृत्व में सर्जिकल गैस्ट्रोइण्ट्रोलॉजी विभाग के प्रो. अभिजीत चंद्रा विभागाध्यक्ष, डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ. प्रदीप जोशी एवं निश्चेतना विभाग के डॉ. मो. परवेज, डॉ. अनीता मलिक, डॉ. तन्मय तिवारी एवं डॉ. एहसान रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. नीरा कोहली, डॉ. अनिल परिहार एवं डॉ. रोहित व ट्रान्यफ्यूजन मेडिसिन की डॉ. तुलिका चंद्रा ने सहयोग दिया।
वहीं मैक्स हास्पीटल के डॉ. सुभाष गुप्ता लिवर प्रत्यारोपण प्रक्रिया में शामिल थे। इनकी टीम में डॉ. श्वेता सिंह, डॉ. राजेश डे, डॉ. शालीन अग्रवाल और अन्य सर्जन थे।